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कुलपति की प्लानिंग है शानदार, मुर्हूत निकले तो बने कोई बात

ऐसे में योजनाओं की शुरुआत अटक गई है। फिलहाल इनका मुर्हूत निकलता नहीं दिख रहा है।

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vice chancellor planning

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अजमेर. महर्षि दयानंद सरस्वती विश्वविद्यालय के कुलपति की प्रस्तावित नवाचार योजनाएं कागजों में कैद हैं। कुलपति के कामकाज पर हाईकोर्ट की रोक जारी है। ऐसे में योजनाओं की शुरुआत अटक गई है। फिलहाल इनका मुर्हूत निकलता नहीं दिख रहा है।

कुलपति प्रो. आर. पी. सिंह ने बीते साल ६ अक्टूबर को पदभार संभाला था। उन्होंने विश्वविद्यालय के शैक्षिक और प्रशासनिक विकास की नई योजनाएं बनाई। इन्हें तीन साल के कार्यकाल में धीरे-धीरे लागू किया जाना है। लेकिन ११ अक्टूबर को राजस्थान हाईकोर्ट ने लक्ष्मीनारायण बैरवा की याचिका पर कुलपति के कामकाज पर रोक लगा दी। यह रोक अब तक जारी है।

ऑनलाइन मूल्यांकन की शुरुआत मुश्किल
कुलपति प्रो. सिंह ने 2018-19 की परीक्षाओं से कॉपियों के ऑनलाइन मूल्यांकन शुरुआत की योजना बनाई थी। पहले एक विषय अथवा विभाग में इसकी शुरुआत होनी थी। अगले सत्र से सभी कॉपियां ऑनलाइन जंचवाई जानी थी। लेकिन मौजूदा परिस्थितियों में ऑनलाइन मूल्यांकन योजना के बारे में फैसला लेना भी मुश्किल है।

विशिष्ट कोर्स पर तलवार

विद्यार्थियों के लिए परिसर में विशिष्ट कोर्स प्रारंभ करना भी प्रस्तावित है। इसके तहत रक्षा रणनीति (डिफेंस स्ट्रटेजी कोर्स) शामिल है। पाठ्यक्रम रक्षा मंत्रालय और यूजीसी के अनुसार बनाया जाना है। इसी तरह भूगोल, रिमोट सेंसिंग और अन्य विभागों का संयुक्त रीजनल इम्पॉरटेंस पाठ्यक्रम भी प्रारंभ होने हैं। खेलकूद से जुड़ा बीपीएड-एमपीएड पाठ्यक्रम भी शुरू किया जाना है। यह कोर्स सत्र 2019-20 में कुलपति की मंजूरी के बिना प्रारंभ नहीं हो सकते हैं।

जनवरी में नहीं हुआ दीक्षान्त
पूर्व में विश्वविद्यालय का नवां दीक्षान्त समारोह १ अगस्त को होना था। पूर्व कुलपति प्रो. विजय श्रीमाली के निधन से राजभवन से इसे स्थगित कर दिया था। कुलपति प्रो. सिंह प्रतिवर्ष जनवरी में समारोह करना चाहते थे। साथ ही १ अगस्त को विश्वविद्यालय का स्थापना दिवस मनाने, स्मारिका का प्रकाशन, शहर के ख्यातनाम लोगों के व्याख्यान,विद्यार्थियों, शिक्षकों का सम्मान समारोह कराना चाहते थे। यह योजना भी कागजों में दब गई है।

कब बनेगा कैंपस कॉलेज?

पूर्व कुलपति प्रो. श्रीमाली ने अजमेर-पुष्कर रेल लाइन से सटी दूसरी तरफ की जमीन पर कैंपस कॉलेज बनाने की योजना बनाई थी। कॉलेज में स्नातक स्तर के नियमित और विशेष कोर्स चलाने प्रस्तावित है। प्रो. सिंह भी कैंपस कॉलेज बनाने के पक्षधर हैं। फिलहाल इसे पूरा करना आसान नहीं है।

अटकी शिक्षक-अधिकारियों की भर्ती
विश्वविद्यालय में विभागवार शिक्षकों-अधिकारियों की भर्ती अटकी हुई है। विश्वविद्यालय ने २०१६ में विभिन्न पदों के लिए आवेदन भरवाए थे। 22 शिक्षकों में से महज दो की नियुक्ति हुई है। अन्य भर्तियां अटकी हुई है। अधिकारियों में परीक्षा नियंत्रक, कुलसचिव, उप कुलसचिव और अन्य पद रिक्त हैं।


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