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बिना जीएसटी के ही दे दिए करोड़ों के ठेके

बर्डपार्क,केईएम भवन,तोपदड़ा व सावित्री स्कूल में निर्माण का मामला15.92 करोड़ रुपए के बजाय अब देने होंगे18.79 करोड़ अब हो रही है ठेकेदारों की हाथाजोड़ीस्मार्ट सिटी का हाल

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भूपेन्द्र सिंह

अजमेर.स्मार्ट सिटी smart city लिमिटेड अजमेर के करोड़ों रुपए चार प्रोजेक्ट में स्मार्ट सिटी के अभियंता जीएसटी GST को शामिल करना ही भूल गए। इससे यह प्रतीत होता है कि या तो अभियंता गोलमोल शर्तों से ठेकेदारों contractrs को लाभ पहुंचाना चाहते हैं या अपने पद के अनुरूप कार्य करने में सक्षम नहीं है। अगर चारों कार्यों की तुलना की जाए तो 15.92 करोड़ रुपए के ठेकों में करीब 3 करोड़ रुपए का फायदा ठेकेदारों को दिया गया है। टेंडर प्राप्त करते समय संवेदक से दरें बिना जीएसटी प्राप्त की गई एवं टेंडर शर्तों में जीएसटी सहित दरों की विस्तृत विवरण में नहीं दर्शाने के कारण ठेकेदारों द्वारा 18 प्रतिशत अतिरिक्त जीएसटी राशि प्राप्त करने के लिए पत्राचार किया जा रहा है। जीएसटी का मामला उच्चाधिकारियों की जानकारी में आने बाद अब स्मार्टसिटी केअभियंता सम्बन्धित ठेकेदारों के साथ बैठक कर उन्हें करोड़ों रुपए का जीएसटी नहीं मांगने के लिए राजी करने में जुटे हुए हैं। एग्रीमेंट होने के बाद विवादित शर्तों के कारण बर्ड पार्क 5.46 करोड़,केईएम भवन 3.77 करोड़,तोपदड़ा स्कूल 3.05 करोड़ एवं सावित्री स्कूल 3.60 करोड़ कुल राशि 15.32 करोड़ के कार्यों पर निर्माण प्रोजेक्ट के सम्बन्धित ठेकेदार 18 प्रतिशत जीएसटी का बिल प्रस्तुत कर भुगतान की मांग कर रहे हैं।

तीन करोड़ रुपए बढ़ गई लागत
आनासागर बर्ड पार्क में करीब 1 करोड़,तोपदड़ा स्कूल में 55 लाख,सावित्री स्कूल में 65 लाख,केईएम में करीब 68 लाख रुपए का फायदा ठेकेदारों को दिया गया है। जीएसटी लगने के बाद आनासागर बर्ड पार्क 6.44 करोड़,केईएम भवन 4.45 करोड़,तोपदड़ा स्कूल 3.6 करोड़ एवं सावित्री स्कूल 4.3 करोड़ रुपए सहित कुल लागत राशि 18.79 करोड़ का भुगतान करना होगा।

ठेकेदार ने मांगा जीएसटी
पुरानी विश्रामस्थली पर लेक फ्रंट डवलपमेंट बर्ड पार्क का निर्माण कर रहे निरानियां कंस्ट्रक्शन कम्पनी ने स्मार्ट सिटी के मुख्यअभियंता को पत्र लिखकर शीघ्र भुगतान की मांग के साथ ही जीएसटी का बिल भी प्रस्तुत किया गया है। ठेकेदार के अनुसार भुगतान दिया जाए जिससे लेबर,मैटेरियल सप्लायर तथा जीएसटी का भुगतान किया जा सके।भुगतान नहीें होने पर काम में देरी की जिम्मेदारी विभाग की होगी।

फिर कैसी मोनीटरिंग
स्मार्ट सिटी के अधिकतर टेंडर,टेंडर शर्तों के कारण विवादास्पद हो रहे हैं। स्मार्टसिटी में मुख्य लेखाधिकारी सहित अकाउंट की विंग होने,चीफ इंजीनियर,एडिशनल चीफ इंजीनियर सहित अन्य अभियंताओं की फौज होने के बावजूद विभिन्न प्रोजेक्टों की टेंडर प्रक्रिया में गड़बडिय़ां सामने आ रही है हैं। मनमानी शर्तो के कारण टेंडरों के साथ ही प्रोजेक्टों को भी निरस्त करना पड़ रहा है। ठेकेदारों द्वारा लीगल नोटिस दिए जा रहे हैं चिल्ड्रेन पार्क,जेएलएन मेडिसिन ब्लॉक,पटेल स्टेडियम,गांधी स्मृति स्मारक,आनासागर स्केप चैनल इसके उदाहरण हैं। पूर्व एसीईओ द्वारा भी विभिन्न टेंडर शर्तों में किए गए बदलाव को सक्षम स्तर से अप्रूवल नहीं लिए जाने के कारण यूओ नोट जारी किया था।

इनका कहना है
स्टीमेटेड कॉस्ट में टेक्स शामिल था। थोड़ा कन्फूजन था,ठेकेदारों को कनवींस कर दिया गया है।

अनिल विजयवर्गीय,मुख्य अभियंता,स्मार्टसिटी अजमेर

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