
High Security Jail-बंदियों से फिर मिले मोबाइल फोन-सिमकार्ड
सिविल लाइन्स थाना में मामला दर्ज, हार्डकोर बंदी दीपक मलिक, संजय मीणा और सुनील से मिले मोबाइल फोन-सिमकार्ड
अजमेर. राज्य की सबसे सुरक्षित कहे जाने वाले घूघरा हाई सिक्योरिटी जेल(High Security Jail)में फिर बंदियों के बैरक में मोबाइल फोन और सिमकार्ड मिले हैं। जेल प्रशासन ने हार्डकोर बंदियों के खिलाफ सिविल लाइन थाने में अनुचित संसाधन के इस्तेमाल पर राजस्थान कारागार अधीनियम के तहत प्रकरण दर्ज कराया है।
सहायक उप निरीक्षक शंकर सिंह ने बताया कि हाई सिक्योरिटी जेल प्रशासन ने शनिवार रात बंदियों के बैरक की अचानक तलाशी ली। तलाशी में ब्लाक 4 के वार्ड 3 में तीन हार्डकोर बंदियों से मोबाइल फोन और चार्जर बरामद किए गए। इसमें हार्डकोर बंदी दीपक मलिक, संजय मीणा और सुनिल शामिल है। जेल प्रहरी भूपेन्द्रसिंह की रिपोर्ट पर सिविल लाइन थाना पुलिस ने बंदियों के खिलाफ राजस्थान कारागार अधीनियम में प्रकरण दर्ज किया है। प्रकरण में अनुसंधान हैडकांस्टेबल सरदार सिंह कर रहे हैं।
लगातार मिल रहे मोबाइल
हाई सिक्योरिटी जेल में मोबाइल मिलने का सिलसिला लगातार जारी है। पूर्व में हाई सिक्योरिटी जेल में हार्डकोर अपराधियों से मोबाइल फोन समेत कई आपत्तिजनक वस्तुएं मिल चुकी है। इसमें अनिल पाड्या, लॉरेन्स विश्नोई समेत कई हार्डकोर बंदी शामिल है। हांलाकि लॉरेन्स विश्नोई और उसके दो साथियों को हाई सिक्योरिटी जेल में मोबाइल सिमकार्ड रखने के मामले में अदालत बरी कर चुकी है।
सुरक्षा पर उठे रहे सवाल?
हार्डकोर बंदियों के पास लगातार मिलते मोबाइल ने हाई सिक्योरिटी जेल की सुरक्षा पर भी सवालिया निशान लगा दिया है। पांच साल पहले जुलाई 2014 में बीकानेर सेन्ट्रल जेल में हुई गैंगवार के बाद प्रदेश में हाई सिक्योरिटी जेल बनाने का फैसला किया। अजमेर के बाल सुधार गृह को हाई सिक्योरिटी जेल में तब्दील कर दिया लेकिन गैंगस्टर आनंदपालसिंह की फरारी के बाद जेल की व्यवस्थाओं की पोल खुल गई। जेल के भीतर और बाहरी व्यवस्थाएं उजागर हो गए।
Published on:
25 Aug 2019 12:56 pm
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