
happy mothers day
रक्तिम तिवारी/अजमेर.
मां को ईश्वर के समकक्ष दर्जा दिया गया है। मां के आंचल में शिशु से लेकर बड़े बच्चे भी खुद को महफूज समझते हैं। पन्ना धाय, जीजाबाई, रानी लक्ष्मीबाई, बेगम हजरत महल जैसी वीरांगनाओं ने देश की आन-बान-शान के लिए सर्वस्व न्यौछावर कर दिया था। मौजूदा वक्त कोरोना संक्रमण काल में भी महिलाएं सरकारी दफ्तर, स्कूल-कॉलेज, अस्पताल और घर-परिवार की जिम्मेदारी बखूबी संभाले हुए हैं। वे कोरोना सैनिक के रूप में समाज और परिवार की ढाल बनी हुई हैं।
शिक्षण और घर-परिवार की जिम्मेदारी
डॉ. सुनीता पचौरी एसपीसी-जीसीए में सहायक निदेशक हैं। कोरोना लॉकडाउन के बीच ऑनलाइन कक्षाएं लेने के अलावा कॉलेज शिक्षा निदेशालय से जुड़ी प्रशासनिक दायित्वों को बखूबी अंजाम दे रही हैं। स्कूल में पढ़ रही बेटियों की ऑनलाइन पढ़ाई और पारिवारिक जिम्मेदारी को भी संभाले हुए हैं
छोटी बेटी और कॉलेज का दायित्व
लॉ कॉलेज की रीडर डॉ. सुमन मावर की एक साल की बेटी और करीब 7 साल का बेटा है। कॉलेज भले ही बंद हैं, लेकिन ऑनलाइन कक्षाएं जारी हैं। पति बैंक अधिकारी हैं। उनकी पोस्टिंग दूसरे शहर में है। कॉलेज विद्यार्थियों के लिए रोजाना ई-लेक्चर और वीडियो अपलोड करने पड़ते हैं। फिर भी वे पारिवारिक दायित्व में पीछे नहीं हैं।
व्यस्तता के बावजूद परिवार का ख्याल
उप वन संरक्षक सुदीप कौर भी घर-परिवार की जिम्मेदारी संभाल रही हैं। पति और कलक्टर विश्व मोहन शर्मा लॉक डाउन में बहुत ज्यादा व्यस्त रहते हैं। प्रशासनिक कामकाज का बोझ ज्यादा बढ़ गया है। इन सबके बीच कौर घर का दायित्व संभाले हुए हैं।
लोगों की सुरक्षा के लिए तत्पर
यातायात विभाग की टीआई सुनीता गुर्जर पिछले 46 दिन से लोगों की सुरक्षा के लिए मुस्तैद हैं। उनके दो जुड़वां बच्चे हैं। बहुत हार्ड ड्यूटी के बावजूद वे परिवार का दायित्व संभाल रही हैं। लॉकडाउन में फील्ड ड्यूटी होने के कारण दोनों बच्चे भी उनकी जिम्मेदारी को समझते हैं।
3 हजार स्कूल में चैक होंगी स्टूडेंट्स की कॉपी
अजमेर. सीबीएसई की दसवीं-बारहवीं की कॉपियों के मूल्यांकन के लिए देश में 3 हजार स्कूल का चयन किया गया है। गृह मंत्रालय के निर्देशों के बाद इनमें मूल्यांकन कराया जाएगा।
बोर्ड पहली से आठवीं और नवीं तथा ग्यारहवीं कक्षा तक विद्यार्थियों को अगली कक्षाओं के लिए प्रोमोट करने के आदेश जारी कर चुका है। बारहवीं के 29 विषयों और दिल्ली रीजन में दसवीं में बकाया परीक्षा 1 से 15 जुलाई के बीच होंगी। तीन हजार स्कूल का चयनकेंद्रीय गृह विभाग के संयुक्त सचिव संजीव कुमार जिंदल ने बताया कि विद्यार्थियों की कॉपियों की जांच 20 मार्च से अटकी है। लॉकडाउन के कारण केंद्रीयकृत मूल्यांकन मुश्किल हो रहा है। इसको देखते हुए 3 हजार स्कूल का चयन किया गया है। यह रेड, ग्रीन और ऑरेन्ज जोन में हैं।
मानव संसाधन विकास मंत्री रमेश पोखरियाल ने सभी राज्यों के शिक्षा मंत्रियों से सीबीएसई सहित सभी माध्यमिक शिक्षा बोर्ड की परीक्षाओं और कॉपियों के मूल्यांकन पर चर्चा की थी। खासतौर पर सीबीएसई की 2 करोड़ से ज्यादा कॉपियां जंचनी हैं।
Published on:
10 May 2020 09:00 am
बड़ी खबरें
View Allअजमेर
राजस्थान न्यूज़
ट्रेंडिंग
