
muharram in ajmer
अजमेर. मोहर्रम (muhurram) की रसूमात में शामिल होने के लिए देश के विभिन्न स्थानों से जायरीन की आवक शुरू हो गई है। इसके चलते अजमेर में मिनी उर्स दिख रहा है। ख्वाजा साहब की दरगाह (garb nawza dargah) में शनिवार को चांद दिखने के साथ मोहर्रम की रस्में (tradtions) शुरू हो जाएंगी। उधर दरगाह में कव्वालियों (qawalis in dargah) का दौर थम गया है। शाही कव्वाल असरार हुसैन ने बताया कि परम्परानुसार मोहर्रम की 12 तारीख तक कव्वालियां बंद रहेंगी।
चौकी धुलाई की रस्म
चौकी धुलाई के साथ शनिवार को मोहर्रम के रसूमात (traditions)शुरू हो जाएंगे। हजरत इमाम हुसैन की चौकी धुलाई की रस्म अदा की जाएगी। इसी दिन मोहर्रम का चांद (muhurram moon) देखने के लिए हिलाल कमेटी की बैठक होगी। इस दौरान मोहर्रम का चांद नजर आया तो दरगाह क्षेत्र में बयान-ए- शहादत और मर्सियाख्वानी का दौर शुरू हो जाएगा। चांद नजर नहीं आया तो सोमवार को मोहर्रम की पहली तारीख होगी। चौकी के खिदमतगुजार हाजी मोहम्मद शब्बीर के अनुसार चौकी शरीफ (chowky sahrif) को शनिवार दोपहर इमामगाह लंगरखाना से झालरे तक ले जाया जाएगा। लंगरखाना में चौकी पर गरीब नवाज के मजार शरीफ (mazar sharif) का गिलाफ रखा जाएगा। इसी दिन चांदी के ताजिए शरीफ की जियारत भी कराई जाएगी।
खुलेगा बाबा फरीद का चिल्ला
मोहर्रम के दौरान दरगाह स्थित बाबा फरीद (baba farid) का चिल्ला खोला जाएगा। परम्परानुरा चिल्ला साल में एक बार मोहर्रम की चार तारीख को खोला जाता है। इसकी जियारत के लिए देशभर से जायरीन (pilgrims) यहां पहुंचेंगे। यह चिल्ला 72 घंटे के लिए खोला जाता है।
तलवारों से खेलेंगे हाईदौस
मोहर्रम की 9 व 10 तारीख को दरगाह क्षेत्र स्थित अंदरकोट में तलवारों (swords)से हाईदौस (Hidaus) खेलने की परम्परा है। हाईदौस अजमेर के अलावा पाकिस्तान (pakistan) के लाहौर में खेला जाता है। इसके लिए दी पंचायत अंदरकोटियान को जिला प्रशासन से इजाजत लेनी पड़ती है।
Published on:
31 Aug 2019 09:45 am
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