8 दिसंबर 2025,

सोमवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

New Admission: दूसरी यूनिवर्सिटी निकली आगे, अजमेर सबसे फिसड्डी

New Admission: कुलपति पर लगी पाबंदी से प्रवेश कार्यक्रम में देरी।

2 min read
Google source verification
mds university admission

mds university admission

अजमेर

महर्षि दयानंद सरस्वती विश्वविद्यालय के पाठ्यक्रमों में जुलाई में प्रवेश प्रारंभ होंगे। कुलपति के कामकाज पर लगी रोक से प्रवेश कार्यक्रम में देरी हो रही है। जबकि प्रदेश के अन्य विश्वविद्यालयों में स्नातक और स्नातकोत्तर पाठ्यक्रमों में प्रवेश जारी हैं।

विश्वविद्यालय में इतिहास, राजनीति विज्ञान, अर्थशास्त्र, जनसंख्या अध्ययन, रिमोट सेंसिंग, पर्यावरण विज्ञान, कम्प्यूटर, प्योर एन्ड एप्लाइड केमिस्ट्री, कॉमर्स, पत्रकारिता एवं जनसंचार, पुस्तकालय विज्ञान, योग, खाद्य एवं पोषण, विधि, हिन्दी और अन्य कोर्स संचालित है। सत्र 2109-20 के लिए इन कोर्स में प्रवेश दिए जाने हैं।

Read More: CBSE: एडमिशन कार्ड अपलोड, सप्लीमेंट्री एग्जाम 2 जुलाई से

जुलाई में शुरू होंगे प्रवेश

विश्वविद्यालय ने प्रवेश समिति का गठन किया है। समिति 8 या 10 जुलाई तक प्रवेश प्रारंभ करने की पक्षधर है। प्रवेश फार्म ऑनलाइन भरवाए जाएंगे। उधर विश्वविद्यालय ने बीए, बी.कॉम और बीएससी तृतीय वर्ष के परिणाम भी जारी नहीं किए हैं। इसके चलते भी दाखिलों में देरी हो रही है।

Read More: राजस्थान की सबसे दयनीय है अजमेर की यह यूनिवर्सिटी

लगाया ये रोड़ा...
राजभवन ने महर्षि दयानंद सरस्वती विश्वविद्यालय को सूचना प्रौद्योगिकी विभाग के पोर्टल के माध्यम से ऑनलाइन आवेदन लेने को कहा। विश्वविद्यालय इससे पसोपेश में है। दरअसल यहां कुलपति के कामकाज पर रोक लगी हुई है। प्रवेश प्रक्रिया की शुरुआत और संयुक्त पोर्टल से दाखिले दिए जाने जैसे अहम फैसले कुलपति ही ले सकते हैं। पिछले साल कई विश्वविद्यालयों ने संयुक्त पोर्टल से दाखिले दिए थे। यह प्रयोग उनके लिए नुकसानदायक साबित हुआ था।

बंद करना चाहते हैं बीएड कोर्स?

अधिकृत सूत्रों ने बताया कि सीमित स्टाफ के चलते कुछ शिक्षक और प्रवेश समिति कई कोर्स बंद करने के पक्षधर हैं। इनमें बीएड जैसा अहम कोर्स भी शामिल है। इसकी जानकारी कुलपति प्रो. आर. पी. सिंह के पास पहुंची तो उन्होंने कोर्स बंद करने को गलत बताया। मालूम हो कि कुलपति के कामकाज पर लगी पाबंदी से विश्वविद्यालय दाखिलों के मामले में पिछड़ गया है।