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अजमेर में ऐतिहासिक रहा बंद : कोई जोर न कोई जबरदस्ती, बिना डंडे व उपद्रव के शांतिपूर्ण भारत बंद

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no violence in india closed

कोई जोर न कोई जबरदस्ती, बिना डंडे व उपद्रव के शांतिपूर्ण भारत बंद

- अजमेर में बंद ऐतिहासिक रहा

- सरकारी दफ्तरों में भी कर्मचारियों ने लिया सामूहिक अवकाश- शिक्षण संस्थान, व्यापारिक प्रतिष्ठान बंद

- बंद समर्थक भी इक्का-दुक्का जगह आए नजर

अजमेर. एसएसी एसटी कानून के प्रावधान में संशोधन के विरोध में सर्व समाज, अनारक्षित समाज पार्टी व अन्य संगठनों के राष्ट्रव्यापी बंद के आव्हान के तहत गुरूवार को अजमेर ऐतिहासिक बंद शांतिपूर्ण ढंग से सफल रहा। खास बात यह रही कि सरकारी विभागों के कर्मचारियों ने भी सामूहिक अवकाश लेकर बंद के प्रति समर्थन जताया। बंद के दौरान व्यापारियों ने जहां अपने प्रतिष्ठान स्वस्फूर्त बंद रखे वहीं शिक्षण संस्थाओं में भी अवकाश सा माहौल रहा।बंद समर्थक सुबह जरुर कुछ देर जरुर घूमे। बाद में बाजार शाम तक सूने रहे। स्थानीय परिवहन पर भी बंद का असर नजर आया। इससे स्टेशन व बस स्टेशन पर आने वाले यात्रियों को परेशानी हुई। टेंपो व सिटी बसें स्टेशन से चली जिससे यात्रियों को कुछ राहत हुई।

जबरदस्ती नहीं बंद का असर यूं तो पूरे शहर पर ही रहा। पर खास बात यह रही कि कहीं से भी कोई जोर जबरदस्ती की शिकायत नहीं आई। कुछेक दुकानें खुली लेकिन समर्थकों के समझाइश के बाद व्यापारियों ने दुकानें बंद कर लीं।

पुलिस ने भी सुरक्षा के उपाय कर रखे थे। प्रमुख मार्गों व चौराहों पर सुरक्षाकर्मी तैनात रहे।पिछले अनुभवों को देखते हुए उच्च अधिकारी नियंत्रण कक्ष व सीसीटीवी से शहर की खैर खबर लेते रहे। पूरे दिन कहीं से कोई उपद्रव व पुलिस बल की कोई खबर नहीं आई।

चार बजे बाद बाजार खुल गए। लोगों ने जरुरी खाने पीेने की चीजें खरीदीं। वहीं स्टेशन व बस स्टैंड के पास भी ढाबे व दुकानें खुल गईं। बंद शांतिपूर्ण सफल रहा।गौरतलब है कि गत दो अप्रेल को हुए बंद के दौरान उपद्रव व हिंसा की घटनाएं हुई। जिसके बाद पुलिस को कई बार बल प्रयोग करना पड़ा। मामले पुलिस तक पहुंचे। जबरन दुकानें बंद कराने को लेकर भी तीखी झड़पें हुईं।

स्कूल प्रबंधन के निर्णय से हुई परेशानी कुछ स्कूल प्रबंधन ने बच्चों को स्कूल बुलवा लिया बाद में अवकाश का संदेश भेजा जिससे बच्चों को परेशानी हुई अभिभावकों को दौड़ लगानी पड़ी।