अजमेर एसपी ने आरोपी को पकड़ने के लिए विशेष टीम गठित की। करीब 5 हजार सीसीटीवी फुटेज खंगालने के बाद अजमेर की जिला स्पेशल टीम और मदनगंज थाना पुलिस ने मामले में बड़ी कार्रवाई करते हुए नकबजन सतपाल फौजी सहित चार आरोपियों को गिरफ्तार किया है। पुलिस ने वारदात में काम ली गई कार और चोरी के 16 लाख रुपए के आभूषण बरामद किए हैं।
जानकारी के मुताबिक, नकबजनी का मास्टमाइंड सतपाल फौजी, फौज की नौकरी छोड़कर अपराध की दुनिया में कदम रखा था। इसके बाद उसने एक गिरोह बनाया, जिसका मास्टरमाइंड वह खुद था। बताया जाता है कि सतपाल वारदात को अंजाम देने के लिए गूगल का सहारा लेता था। जहां वह सर्च कर पॉश कॉलोनियों और महंगे फ्लैट की जानकारी निकालकर लूट और चोरी की वारदात को अंजाम देता।
ऐसे पकड़ा गया मास्टमाइंड सतपाल फौजी
अजमेर पुलिस अधिकारी देवेंद्र कुमार ने बताया कि किशनगढ़ में मार्च 2024 में सुरेंद्र सिंह सोढ़ा नाम के पीड़ित के घर दिनदहाड़े चोरी की वारदात को अंजाम दिया गया था। इसमें हजारों की नकदी और लाखों के जेवरात चोरी किए गए। इसके साथ ही किशनगढ़ के दो अन्य घरों में भी चोरी की वारदातों को अंजाम दिया गया था। जिसके बाद पुलिस अधिकारी दीपक कुमार के नेतृत्व में विशेष टीम गठित की गई।
जिसके बाद घटना स्थल का बारीकी से निरीक्षण कर सीसीटीवी और वैज्ञानिक तरीकों से छोटे से छोटे स्तर पर विश्लेषण किया और साक्ष्य जुटाए गए। संधिग्ध की पहचान कर उनके आने-जाने के रूट के संबंध में अनुसंधान शुरू किया। लगातार प्रयास करते हुए आरोपियों की जयपुर, अलवर, भिवाड़ी ,झुंझुनू , भिवानी, दिल्ली, हरियाणा, गुरुग्राम ,मानेसर, हिसार, आदि जगहों पर तलाश की गई। टीम द्वारा चिन्हित किए गए बदमाशों के ठिकानों पर सूचना के आधार पर सतपाल फौजी, विकास शर्मा और विकृम जीत को गिरफ्तार किया गया।