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अब हर महीने आएगा बिजली बिल

सितम्बर में अजमेर शहर व ब्यावर सहित ग्रामीण क्षेत्र शामिलदिसम्बर तक अजमेर डिस्कॉम के 11 जिलों के 65 शहरों में मंथली बिलिंग

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अजमेर.अजमेर विद्युत वितरण निगम ajmer discom के तहत आने वाले 65 छोटे व शहरों में दिसम्बर तक इन शहरों के करीब 50 लाख उपभोक्ताओं को प्रतिमाह every month बिजली का बिलelectricity bill मिलेगा। वहीं अजमेर सिटी तथा ब्यावर,पुष्कर, सराधना,पीसांगन तथा जवाजा के उपभोक्ताओं को मंथली बिलिंग सितम्बर माह से शुरु होगी। अजमेर जिला,भीलवाड़ा तथा राजसमंद जिलों के उपभोक्ताओं की मंथली बिलिंग अक्टूबर से शुरु होगी। नागौर, सीकर व झुंझुनू जिलों की मंथली बिलिंग नवम्बर तथा उदयपुर, प्रतापगढ़, डूंगरपुर, चित्तौड़ तथा बांसवाड़ा की मंथली बिलिंग दिसम्बर से शुरु होगी। निगम के प्रबन्ध निदेशक वी.एस.भाटी ने इस सम्बन्ध में निर्देश जारी कर दिए हैं। इसके लिए बिलिंग सॉफ्टवेयर में बदलाव किया जा रहा है।अजमेर सिटी सर्किल में शहर के डेढ़ लाख के करीब उपभोक्ताओं की बिलिंग फ्रैंचायजी टाटा पावर को करनी होगी। भीलवाड़ा जिले के शहरी क्षेत्र की बिलिंग ठेकेदार कम्पनी के जिम्मे है।

कोरोना से हुई देरी

अजमेर,भीलवाड़ा तथा राजसमन्द जिले में मंथली बिलिंग मई के महीने से ही होनी थी लेकिन कोरोना corona के कारण इसे टाल दिया गया। अजमेर डिस्कॉम के तहत अजमेर सिटी व ग्रामीण सर्किल,भीलवाड़ा,नागौर, राजसमन्द, प्रतापगढ़, डूंगरपुर, चित्तौड़,उदयपुर, बांसवाड़ा, सीकर, झुंझुनू सर्किल के शहर व कस्बे आते हैं।
आरईआरसी ने दिए निर्देश

राजस्थान विद्युत नियामक आयोग (आरईआरसी) rerc ने 28 मई 2018 को ही मंथली बिलिंग के आदेश दे दिए थे लेकिन इसकी पालना नहीं की है। अब इसे गंभीरता से लेते हुए मंथली बिलिंग करनी होगी। यदि मंथली बिलिंग नहीं हुई तो आरईआरसी अजमेर डिस्कॉम पर पेनाल्टी लगाएगा। दिसम्बर तक मंथली बिलिंग के लिए अजमेर डिस्काम आरईआरसी के समक्ष शपथ पत्र प्रस्तुत कर चुका है। जयपुर डिस्कॉम में मंथली बिलिंग शुरु हो चुकी है।
डिस्कॉम पर असर
डिस्कॉम को हर माह राजस्व मिलेगा। क्योंकि अब हर माह कनेक्शन काटे जा सके गें। डिफेक्टिव मीटर जल्द बदले जाएंगे। क्योंकि अब हर माह मीटर रीटर जाएगा तो मीटर की स्थिति भी तुरंत पता चलेगी। फीडर वाइज,सब डिवीजन वाइज छीजत की गणना अधिक विश्वनीयता से होगी। वहीं मंथली बिलिंग के लिए निगम को अधिक स्टाफ चाहिए। स्टेशनरी का खर्च व प्रिंटिग का खर्च दो गुना आएगा, इससे वित्तीयभार पड़ेगा।

उपभोक्ता पर असर
उपभोक्ता को अब साल में 6 के बजाय 12 बिल मिलेंगे। फिक्सचार्ज भी आधा लगेगा। सिक्योरिटी राशि कम लगेगी। प्रतिमाह कम राशि का बिल आएगा जिससे जमा करवाना में आसानी होगी। हालांकि अब बिल जमा करवाने के लिए दो बार जाना पड़ेगा। बिल की शिकायतों को दूर करवाने के लिए अब हर माह चक्कर लगाना होगा।

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