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क्रेडिट कार्ड से उड़ाए एक लाख, मदद मांगी तो फिर गंवाए ढाई लाख

रेलवे स्टेशन मास्टर से साढ़े 3 लाख की ऑनलाइन ठगी

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अजमेर

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Manish Singh

Feb 17, 2022

क्रेडिट कार्ड से उड़ाए एक लाख, फिर मदद मांगी तो गंवाए ढाई लाख

क्रेडिट कार्ड से उड़ाए एक लाख, फिर मदद मांगी तो गंवाए ढाई लाख

अजमेर. सीकर में रेलवे स्टेशन मास्टर के साथ साढ़े तीन लाख की ऑनलाइन ठगी का मामला सामने आया है। ठग ने पहले क्रेडिट कार्ड से एक लाख की रकम उड़ाई। पीडि़त ने क्रेडिट कार्ड बंद करवाने के लिए बैंक की हेल्पलाइन पर मदद के लिए कॉल किया। कॉल तो उठा नहीं लेकिन कुछ देर बात आए कॉल से कॉलर ने एनी डेस्क एप डाउन लोड करवाते हुए खाते से ढाई लाख रुपए की निकासी कर ली। मामले में क्रिश्चियन गंज थाना पुलिस ने प्रकरण दर्जकर अनुसंधान शुरू कर दिया।

प्रगति नगर कोटड़ा निवासी योगेश कुमार शर्मा ने बताया कि वह सीकर में रेलवे स्टेशन मास्टर के पद पर तैनात है। गतदिनों 12 फरवरी को अजमेर प्रगति नगर कोटड़ा निवास पर मौजूद था तब एसबीआई बैंक के के क्रेडिट कार्ड से 50-50 हजार रुपए के अज्ञात व्यक्ति ने ट्रांजेक्शन कर लिए। मामले में उसे जब पता चला तो क्रेडिट कार्ड बंद करवाने के लिए बैंक की हेल्पलाइन पर सम्पर्क किया। उसका कॉल हेल्पलाइन का नम्बर पर रिसीव नहीं हुआ लेकिन कुछ देर बात दूसरे मोबाइल से कॉल आया। कॉलर ने स्वयं को बैंक से बोलना बताते हुए समस्या पूछी। परेशानी पूछने के बाद उसे मोबाइल फोन पर एनी डेस्क एप डाउन लोड कराया। एप डाउन लोड करवाने के बाद ओटीपी नम्बर हासिल कर आरोपी उसके मोबाइल फोन के जरिए बैंक खाते से दो मर्तबा में दो लाख 48 हजार 999 रुपए की निकासी कर ली। ऐसे में ठग ने उससे करीब साढ़े 3 लाख रुपए की ऑनलाइन ठगी की वारदात अंजाम दे डाली। पुलिस ने शर्मा की रिपोर्ट पर ऑनलाइन ठगी का मामला दर्जकर अनुसंधान शुरू कर दिया।

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समझें एनी डेस्क है क्या :-

एनी डेस्क एप रिमोन्ट कन्ट्रोल सॉफ्टवेयर है। जिसका उपयोग कर किसी भी डिवाइस(मोबाइल, लेपटॉप या कम्प्यूटर) को दूर बैठा दूसरा व्यक्ति ऑनलाइन इस्तेमाल कर कन्ट्रोल कर सकता है। अधिकांशत: इसका इस्तेमाल डिवाइस में आई तकनीकी सुधार या व्यवसायिक कामकाज में किया जाता है।

-आमजन के लिए मोबाइल फोन, लेपटॉप पर इसको इस्तेमाल किया जाना खतरे से खाली नहीं है। हालांकि इसके इस्तेमाल में भी ओटीपी आता है। बिना ओटीपी के कोई भी व्यक्ति एनी डेस्क से मोबाइल फोन या लेपटॉप कन्ट्रोल नहीं कर सकता है।

-बचें हेल्पलाइन से भीकिसी भी वित्तिय संस्था की ऑफिशियल वेबसाइट से ही हेल्पलाइन नम्बर लें। संभव हो तो वेबसाइट पर ही मैसेज के जरिए सम्पर्क करें। गूगल पर शातिर ठग घात लगाए बैठे रहते है। जो मदद के नाम पर ठगी का शिकार बनाते हैं।