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चौपाटी कुछ यूं दे रही हादसों को न्यौता, आप भी ध्यान रखे कहीं झील को निहारते आपके साथ भी ना हो जाए अनहोनी

शहर के सौदर्य में चार चांद लगाने वाली आनासागर झील पर्यटकों के लिए ही नहीं वरन शहरवासियों के लिए भी अब एक रमणीक स्थल बन चुकी है।

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people facing problems because of dangerous point at anasagar chaupati

पहले बनाया,अब किया "बर्बाद", अफसरों की अदूरदर्शिता से लाखों का हुआ नुकसान , पानी की तरह बहा रहे है व्यर्थ लाखों रुपए

दिलीप शर्मा /अजमेर.शहर के सौदर्य में चार चांद लगाने वाली आनासागर झील पर्यटकों के लिए ही नहीं वरन शहरवासियों के लिए भी अब एक रमणीक स्थल बन चुकी है। इसकी प्रमुख वजह झील के चारों ओर बनने वाला पाथ-वे व वॉक-वे है। जो चौपाटी की शक्ल में शहर के लोगों की पसंदीदा जगह बन चुका है। लोग मॉर्निंग वॉक के लिए चौपाटी का इस्तेमाल करने लगे हैं वहीं शाम को परिवार व बच्चों सहित लोग यहां खाने-पीने का आनंद लेते देखे जा सकते हैं। बारिश के मौसम में झील का किनारा किसे नहीं पसंद होगा लेकिन यहां सावधानी हटी और दुर्घटना घटी वाली मिसाल साबित हो सकती है इसके लिए आमजन खासकर युवाओं व बच्चों को ध्यान रखने की जरूरत है।

अवरोध दीवार नहीं


धोबीघाट व जेटी से जुड़ी पुरानी चौपाटी पर लाल गेरुए रंग की जालियां कई जगह से क्षतिग्रस्त हैं और दीवार से सटे पानी की गहराई भी बहुत है। अक्सर यहां परिवार घूमने आते हैं बड़े लोगों का ध्यान फोटोग्राफी या गार्डन पर चला जाता है जबकि बच्चे खेलते खेलते चौपाटी पर पानी के पास चले जाते हैं। यहां कुछ स्थानों पर जालियां टूटी हुई हैं यहां सीधे पानी में गिरने का खतरा बना रहता है। गत दिनों अजमेर के देवस्थान विभाग के आयुक्त गौरव सोनी ने यहां भ्रमण के दौरान दो बच्चों को पानी में गिरने से बचाया। उन्होंने सही समय पर अभिभावकों को चेताया अन्यथा बच्चे क्षतिग्रस्त जाली के पास तक पहुंच चुके थे। सोनी ने बताया कि दीवारों में भी कई जगह दरारें हैं। कभी तेज पानी की मार से यह दीवार ढह सकती है इसकी पर्याप्त मरम्मत की जरूरत है। उन्होंने कहा कि प्रशासन नई चौपाटी के विकास पर ध्यान दे रहा है जबकि पुरानी की उपेक्षा हो रही है।

हैंगिंग ब्रिज के पास गंदगी के ढेर

हाल ही में क्रिश्चियनगंज क्षेत्र के सामने चौपाटी वॉक-वे को विकसित किया जा रहा है। इस चौपाटी को पुरानी चौपाटी से जोडऩे के लिए बनाए गए लोहे के हैंगिंग ब्रिज के आसपास गदंगी के ढेर हैं। पानी में प्लास्टिक व अन्य कचरा पड़ा है। हालाकि डीविडिंग मशीन से कचरा साफ हो रहा है लेकिन सड़क से सटे बैक वाटर में कचरा व बदबूदार पानी है यहां दुर्गधं फैलने से बीमारियों का खतरा बना हुआ है जबकि पास में ही खाने पीने के ठेले शाम को खड़े होते हैं ऐसे में यहां स्वास्थ्य पर विपरीत असर पड़ता है। ब्रिज व चौपाटी की दीवार के जॉइंट को भी खुला छोड़ दिया गया है जिससे यहां भी पानी में गिरने का खतरा है।

जोखिमपूर्ण हो सकती है सैल्फी

तेज हवाओं से लहरें आम आदमी का ध्यान भटकाती हैं। झील की सुंदरता को कैमरे में कैद करने के लिए लोग सैल्फी लेने के लिए चौपाटी की दिवार पर चढ़ जाते हैं लेकिन जरा सा भी ध्यान चुका तो यहां हादसा हो सकता है। इसके लिए भी यहां कोई चेतावनी बार्ड या संदेश नहीं है।


रामप्रसाद घाट पर भी खतरा

चौपाटी को बारादरी होते हुए राम प्रसाद घाट से आगे लवकुश उद्यान तक बढ़ा दिया गया है। यहां राम प्रसाद घाट पर चौपाटी या वॉक-वे की ऊंचाई बढ़ जाने से अब यहां पानी की गहराई और बढ़ गई है। यहां जायरीन का आना-जाना रोजाना होता है खासकर बच्चेे भी आते हैं। प्रशासन ने यहां सुरक्षा कर्मी तैनात कर रखे हैं लेकिन हादसे का खतरा यहां भी बना हुआहै।