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सड़क बनाने में रॉ मैटेरियल के रूप में इस्तेमाल होगा प्लास्टिक कचरा

बायो माइनिंग तकनीक से हटेंगे कूड़े के पहाड़स्मार्ट सिटी के तहत 14 करोड का लगेगा प्लांट

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nakli mawa destroyed at keru dumping yard in jodhpur

बगैर दूध के दस भट्टी-कढा़ई पर रोज बनता था जोधपुर में नकली मावा, केरू डम्पिंग यार्ड में किया नष्ट

अजमेर. नसीराबाद रोड पर बनाए गए डम्पिंगdumping yard यार्ड में पड़े कचरे व शहर में प्रतिदिन उत्पादित हो रहे कचरे का निस्तारण करने के साथ ही यहां से निकलने वाला प्लास्टिक कचरा Plastic waste अब सड़क road construction बनाने के लिए रॉ-मैटेरियल raw material के रूप में इस्तेमाल होगा। इसके लिए तैयारी शुरु हो गई है। डम्पिंग यार्ड में पड़े कचरे का निस्तारण माइनिंग लीगेसी वेस्ट प्लांट के जरिए होगा। स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट के तहत इस पर 14 करोड़ रुपए खर्च होंगे। 27.23 एकड़ में फैले डम्पिंग यार्ड फैले 2 लाख 20 हजार टन कचरे को पहले प्रोसेस कर हटाया जाएगा। वेस्ट बिल्डिंग मैटेरियल को लैंडफिल में डाला जाएगा। कांच व अन्य आइटम को प्रोसेज कर उपयोग में लिया जाएगा। जमीन को प्रोसेज कर पुरानी सेप में लाया जाएगा जाएगा। ठेकेदार यहा बीओटी bot आधार पर प्लांट plant लगाएगा। एक कम्पनी ने इसके लिए रूचि दिखाई है। कचरे का निस्तारण करते हुए बेचान भी किया जा सकेगा। इससे ट्रेचिंग गाउंड में कचरे का जमावड़ा नहीं लगेगा। नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल ngt ने कचरे के निस्तारण के लिए दिशा-निर्देशों की भी पालना होगी।
250 टन कचरे का उत्पादन

वर्तमान में शहर के 60 वार्डों में 250 टन कचरे का उत्पादन बाजारों,आवासीय कॉलोनी व कच्ची बस्ती में प्रतिदिन होता है। यह कचरा नसीराबाद रोड माखूपुरा एरिया ट्रेचिंग ग्राउंड में वर्ष 1997 से डाला जाता है। माखूपुरा डम्पिंग ग्राउंड पहाड़ी एरिया पर है। 15 दिसम्बर 2019 तक डम्पिगं यार्ड में 360542 क्यूबिक मीटर सॉलिड वेस्ट डाला गया। यहां इस कचरे को किसी भी तरह से प्रोसेस नहीं किया जाता। यह कचरा धीरे-धीरे सड़ता है इससे आसपास के क्षेत्र में दुर्गन्ध का वातावरण रहता है। कचरे में कई बार आग लगने से सड़क व क्षेत्र में धुआं फैल जाता है। इससे लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ता है।
इंदौर में प्रयोग लेकिन सफल नहीं

स्मार्ट सिटी में शुमार किए गए इंदौर शहर में कचरे से सड़क बनाई जा रही है लेकिन वहां प्लास्टिक की बजाय कचरे को ही काम में लिया जा रहा है जो अधिक सफल नहीं है। अजमेर में कचरे से प्लास्टिक को निकाल कर उसे सड़क बनाने के काम में लिया जाएगा।
इनका कहना है

प्लास्टिक के कचरे से बनेगी सड़क स्मार्ट सिटी के तहत होगा निर्माण, बायोमाइनिंग प्रोजेक्ट के तहत नसीराबाद ट्रेचिंग ग्राउड से कचरा साफ कर जमीन को ट्रीट किया जाएगा। वेस्ट मैटेरियल को अलग-अलग किया जाएगा। यहां से निकले प्लास्टिक के कचरे से सड़क का निर्माण किया जाएगा।
-विश्व मोहन शर्मा, सीईओ स्मार्ट सिटी अजमेर

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