27 दिसंबर 2025,

शनिवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

धौलपुर की सांसों में घोला जा रहा जहर, आग के हवाले डंपिंग यार्ड

- सागरपाड़ा बस्ती और हाइवे पर लोगों और वाहन चालकों को हो रही परेशानी - चंबल किनारे जहरीले धुएं से जलीय जीवों पर भी संकट- जिमेदारों को पता ही नहीं, कमिश्नर बोले- पता कराते हैं किसने लगाई आग

2 min read
Google source verification

अजमेर

image

Dilip Sharma

Apr 23, 2022

21 मई तक दें अग्नि सुरक्षा ऑडिट रिपोर्ट

धौलपुर. सदानीरा चंबल नदी के किनारे सागरपाड़ा के पास बने शहर के कचरा निस्तारण केन्द्र (डंपिंग यार्ड) में लगी आग शहर में जहरीला धुआं फैला रही है। इस धुएं से सागरपाड़ा बस्ती व आसपास के लोग तो प्रभावित हो ही रहे हैं, पास से ही गुजर रहे नेशनल हाइवे 44 से गुजरने वाले वाहन चालकों को भी परेशानी हो रही है। इस जहरीले धुएं का असर चंबल के जलीय जीवों को भी गंभीर रूप से प्रभावित कर रहा है। हालात यह हैं कि शहरी सरकार को इसके बारे में कुछ अता-पता भी नहीं है। जबकि डंपिंग यार्ड में यह आग पिछले कई दिनों से लगी हुई है। कचरे के ढेरों से उठता धुआं भी नगर परिषद को दिख नहीं रहा है।
घुट रहा लोगों का दम

डंपिंग यार्ड के पास ही सागरपाड़ा बस्ती है। इस जहरीले धुएं के कारण लोगों को परेशानी हो रही है। स्थानीय बाशिंदों का कहना है कि घर के अंदर भी इस धुएं के कारण जीना दुश्वार हो रहा है। कई दिनों से यह धुआं लोगों का दम घोंट रहा है। लोगों को आंखों में जलन, सांस लेने में परेशानी हो रही है। वहीं, पास से ही गुजर रहे नेशनल हाइवे 44 से आने-जाने वाले वाहन चालकों को भी यह धुआं परेशान कर रहा है। धुएं के साथ प्लास्टिक आदि जलने के तेज दुर्गंध लोगों को परेशान कर रही है। लबे वक्त से लगी है आग
स्थानीय निवासियों का कहना है कि कचरे के ढेरों में यह आग काफी दिनों से लग रही है। लेकिन, न तो नगर परिषद और न ही डंपिंग यार्ड के कर्मचारियों ने इस आग पर काबू पाने का प्रयास किया है। ऐसे में कचरे के ढेरों में यह आग लगातार सुलग रही है और वहां फैले कचरे को चपेट में लेती जा रही है।

आते-जाते हैं कर्मचारी
नगर परिषद के कर्मचारी रोज यहां आते-जाते हैं लेकिन, यहां सुलग रही आग और धुएं को काबू में पाने के लिए कोई कदम उठाए नहीं जा रहे हैं। हालात यह है कि कर्मचारियों ने अपने उच्चाधिकारियों को भी इससे अवगत नहीं कराया है। ऐसे में अधिकारी भी इससे अनजान बने हुए हैं।

किससे पीड़ा कहें जलीय जीव
इस डंपिंग यार्ड के पास ही चंबल नदी प्रवाहित हो रही है। ऐसे में यहां के जलीय जीवों को भी इस धुएं का सामना करना पड़ रहा है। इंसान तो फिर भी शिकायत कर सकता है लेकिन, ये जलीय जीव अपनी पीड़ा किसे सुनाएं। जीवों की सुरक्षा के लिए जिमेदार वन विभाग भी इस धुएं की शिकायत के लिए आगे नहीं आया है।

आग के कारण अज्ञात
आशंका जताई जा रही है कि अत्यधिक गर्मी के कारण कूड़े के दबाव से बनने वाली मीथेन गैस की वजह से आग लगी और कचरे में शामिल प्लास्टिक, कागज और अन्य ज्वलनशील चीजों ने आग को और फैलाने का काम किया। इसके अलावा कूड़े में जलती हुई माचिस की तीली या बीड़ी-सिगरेट फेंकने के कारण आग लगने की आशंका से भी इनकार नहीं किया जा सकता, क्योंकि यहां दिनभर कूड़ा-कचरा बीनने वाले लोग आते-जाते रहते है।

इनका कहना है
डंपिंग यार्ड में लगी आग के बारे में कोई सूचना नहीं है। सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट नियमों के मुताबिक कचरा जलाना गैर कानूनी है। पता कराते हैं कि आग कैसे लगी। - लजपाल सिंह, आयुक्त नगर परिषद, धौलपुर