
special code name
रक्तिम तिवारी/अजमेर.
शहर और संभाग की कानून व्यवस्था देखने वाले पुलिस अधिकारियों (police official) के नाम ‘रोचक ’ बेहद रोचक हैं। अफसरों की कॉल को विशेष नाम से ही पहचाना जाता है। यह नामकरण सेना से काफी हद तक मिलता-जुलता है। जहां सेना (armed forces) इसमें एल्फा, बीटा शब्द प्रयुक्त होते हैं। वहीं पुलिस शब्दावली में यह लॉयन और टाइगर जैसे शब्द इस्तेमाल किए जाते हैं। यह विशेष शब्द पुलिस अफसरों-जवानों के अलावा मंत्रालयिक कर्मचारियों के बीच काफी प्रचलित हैं।
देश की आर्मी, एयरफोस और नेवी में अधिकारी-जवान विशेष कोड भाषा में बातचीत करते हैं। यह भाषा दुश्मनों को मात देने और गोपनीय बात (language) वांछित व्यक्ति/अधिकारी तक पहुंचाने के लिए होती है। इसी तरह पुलिस में भी उच्चाधिकारियों और उनके अधीनस्थ अधिकारियों (officers) को विशेष नाम दिए गए हैं। पुलिस की टेलीफोन सूची में अधिकारियों के मूल नाम और पद के साथ-साथ विशेष नाम (कोड) भी दर्ज हैं।
विशेष नाम से भेजते हैं संदेश
फील्ड और नॉन फील्ड अधिकारी, जवान और अधीनस्थ स्टाफ (staff) इन्हें विशेष नाम से भली-भांति जानता है। विशेष नाम से ही वायरलैस (wireless) और फोन पर मैसेज (message) दिया जाता है। इससे पुलिस अधिकारी और जवान इस आसानी से पहचान जाते हैं।
सभी राज्यों की पुलिस में है विशेष नाम
देश के सभी राज्यों की पुलिस (state police) में उच्चाधिकारियों और उनके अधीनस्थ स्टाफ को विशेष नाम से पहचान जाता है। संबंधित प्रदेशों की पुलिस ने सुविधानुसार (facility) यह नाम दिए हैं। इनमें कुछ अधिकारियों को डॉन, लेपर्ड, कमांडो, शेर, चीता, महिला अधिकारियों को दुर्गा, भवानी भी नाम दिए गए हैं।
सूची में यह हैं अधिकारियों के नाम
पुलिस महानिरीक्षक-लॉयन
पुलिस अधीक्षक-टाइगर
सभी अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक ब्रेवो (वन, टू, थ्री, फोर...)
सभी वृत्ताधिकारी-पीटर (वन, टू, थ्री, फोर...)
उप पुलिस अधीक्षक वायरलैस-विलियम
सभी पुलिस थानाधिकारी-लीमा (वन, टू, थ्री, फोर...)
Published on:
28 Dec 2019 09:28 am
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