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प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना : रबी 2022 की फसल के लिए 31 दिसम्बर है अंतिम तिथि

जिले में जौ, जीरा, चना, सरसों, तारामीरा एवं गेहूं फसलें योजनान्तर्गत संसूचित है।

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प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना : रबी 2022 की फसल के लिए 31 दिसम्बर है अंतिम तिथि

प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना : रबी 2022 की फसल के लिए 31 दिसम्बर है अंतिम तिथि

अजमेर. प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के माध्यम से जिले में रबी 2022 की फसलों के बीमा की 31 दिसम्बर अंतिम तिथि है।

कृषि विभाग के उपनिदेशक जितेन्द्र सिंह शक्तावत ने बताया कि प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के अजमेर जिले में क्रियान्वयन के लिए बजाज एलायंज जनरल इन्श्योरेन्स कम्पनी लिमिटेड को राज्य सरकार द्वारा अधिकृत किया गया है। वर्ष 2022 में फसली ऋण लेने वाले कृषक, गैर ऋणी कृषक एवं बटाईदार कृषकों द्वारा फसलों का बीमा करवाया जा सकेगा। जिले में जौ, जीरा, चना, सरसों, तारामीरा एवं गेहूं फसलें योजनान्तर्गत संसूचित है।

फसलों का बीमा होगा ऎसे

उन्होंने बताया कि अधिसूचित ईकाई क्षेत्र एवं अधिसूचित फसल के लिए कृषकों को किसी वित्तीय संस्थान (सहकारी बैंक एवं सहकारी समिति, क्षेत्रीय ग्रामीण बैंक, व्यवसायिक बैंक एवं भूमि विकास बैंक आदि) द्वारा रबी 2022 मौसम के लिए ऋण की सीमा अनुमोदित (स्वीकृत) की जाकर 31 दिसम्बर 2022 तक ऋण वितरित होने पर सम्बन्धित को ऋणी फसल माना जाएगा। ऋण लेने वाले सभी कृषकाें का इस योजना के अन्तर्गत बीमा करना बैंको के लिए अनिवार्य हैं।कृषकों द्वारा प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना में फसल बीमा करवाना पूर्णतया स्वेच्छिक हैं। ऋणी कृषकाें को योजना से पृथक रहने के लिये नामांकन की अंतिम दिनांक से 7 दिवस पूर्व (रबी के लिये 24 दिसम्बर 2022) तक सम्बधित वित्तीय संस्था में इस बाबत् घोषणा पत्र प्रस्तुत करना होगा। घोषणा पत्र सम्बधित बैंक शाखा में उपलब्ध हैं। घोषणा पत्र नहीं देने पर कृषक को योजना में स्वतः सम्मिलित माना जाएगा।ऋणी कृषकों का प्रीमियम उनके ऋण खातों से वसूल किया जाएगा।

उन्होंने बताया कि गैर ऋणी कृषक को अपनी फसलों का बीमा कराने के लिए 31 दिसम्बर 2022 तक निकट के केन्द्रीय सहकारी बैंक, क्षैत्रीय ग्रामीण बैंक, वाणिज्यिक बैंक की शाखाओं, अधिसूचित बीमा कम्पनी के एजेण्ट, कॉमन सर्विस सेन्टर ई-मित्र के माध्यम से संबंधित बीमा कम्पनी में निर्धारित दर से फसल बीमा के लिएप्रीमियम राशि जमा करवानी होगी। गैर ऋणी कृषक द्वारा प्रस्तुत किए गए दस्तोवेजों को ऑनलाइन स्कैन कर अपलोड करना अनिवार्य होगा। प्रस्तावित क्षैत्रफल में बोई गई अथवा बोई जाने वाली फसल के खसरा नम्बरों की स्वंय प्रमाणित नवीनतम जमाबन्दी की नकल, स्व प्रमाणित बुवाई प्रमाण पत्र, आधार कार्ड की प्रति, बैंक खाते के पास बुक की प्रति, आईएफएससी कोड व खाता संख्या, जमीन बटाई का शपथ पत्र (बटाईदार होने पर), बटाईदार होने पर स्वंय का राजस्थान का मूल निवास प्रमाण पत्र की प्रति जैसे दस्तावेज आवश्यक होंगे।

ये जोखिम होंगे शामिल

उन्होंने बताया कि खड़ी फसल (बुवाई से कटाई) में सूखा,लम्बी सूखा अवधि, बाढ, जल प्लावन, कीट एवं व्याधि, भू-स्खलन, प्राकृतिक आग एवं बिजली का गिरना, तूफान, ओलावृष्टि, चक्रवात से होने वाले उपज में नुकसान के लिए व्यापक जोखिम बीमा राज्य सरकार द्वारा संपादित फसल कटाई प्रयोगों से प्राप्त उपज आंकडों के आधार पर शामिल होगा। तात्कालिक सहायता अधिसूचित फसल की मध्य अवस्था तक प्रतिकूल मौसमी स्थितियों यथा-बाढ, सूखा, दीर्घकालिक शुष्क अवधि, कीट-व्याधि के कारण अधिसूचित इकाई में अधिसूचित फसल की सम्भावित उपज फसल की सामान्य उपज से 50 प्रतिशत से कम होने की स्थिति में देय होगी। फसल कटाई उपरांत सूखने के लिए खेत में काटकर-फैलाकर छोडी गई फसल को चक्रवात, चक्रवाती वर्षा एवं असामयिक वर्षा तथा ओलावृष्टि से होने वाले नुकसान के लिए कटाई उपरांत अधिकतम 2 सप्ताह (14 दिन) की अवधि के लिए भी बीमा मान्य होगा। अधिसूचित क्षेत्र के आंशिक कृषि भूमि क्षेत्र में ओलावृष्टि, भू-स्खलन, बादल फटना, बिजली गिरने से प्राकृतिक आग एवं जलप्लावन से व्यक्तिगत आधार पर हुए नुकसान को भी बीमा रहेगा।

ऐसे दें फसल खराबे की सूचना

उन्होंने बताया कि बीमा कम्पनी के टोल फ्री नम्बर 18002095959 पर नुकसान के 72 घण्टे के भीतर बीमा कम्पनी को सूचना कृषक द्वारा दी जाएगी। यदि 72 घण्टे में कृषक द्वारा पूर्ण सूचना उपलब्ध नहीं करवाई जाती हैं तो वह कृषक 7 दिवस में पूर्ण सूचना निर्धारित प्रपत्र में संबधित बीमा कम्पनी को आवश्यक रुप से उपलब्ध करवाएगा। कृषक द्वारा 72 घण्टे में सूचना देना अति आवश्यक हैं।

यह हैं फसलवार बीमा एवं प्रीमियम की राशि

उन्होंने बताया कि बीमित राशि एवं प्रीमियम राशि फसलवार निर्धारित की गई है। देय प्रीमियम बीमित राशि का अधिकतम 1.5 प्रतिशत तथा उद्यानिकी एवं वाणिज्यिक फसलों के लिए अधिकतम 5 प्रतिशत ही कृषक द्वारा वहन किया जाएगा। शेष राशि का 50-50 प्रतिशत के अनुपात में केन्द्र एवं राज्य सरकार द्वारा देय होगी। बीमित राशि तथा कृषक द्वारा देय प्रीमियम राशि प्रति हेक्टेयर के अनुसार होगी। बीमीत राशि तथा कृषक द्वारा देय प्रीमियम राशि जौ के लिए 45306 तथा 680, जीरा के लिए 93895 तथा 4695, चना के लिए 48374 तथा 726, सरसों के लिए 70242 तथा 1054, तारामीरा के लिए 26171 तथा 393 एवं गेहूं के लिए 64475 तथा 967 है।