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प्रिकॉशन डोज है जरूरी, फिर भी लोगों ने बना रखी है दूरी

- धौलपुर में 10 जनवरी से अब तक मात्र 27 हजार ने ली खुराक - जिले में अब तक नौ लाख ने पहली और आठ लाख ने ली दूसरी डोज - जिले में किसी भी प्राइवेट अस्पताल में नहीं प्रिकॉशन वैक्सीनेशन की सुविधा कोरोना महामारी से लड़ाई में दुनिया के कई देश बूस्टर डोज को एक उम्मीद की तरह देख रहे हैं. एक्सपर्ट मान रहे हैं कि वैक्सीन लगाने से कोरोना से होने वाली गंभीर बीमारी और मृत्यु से बचने में काफी हद तक मदद मिलेगी।

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अजमेर

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Dilip Sharma

Jun 08, 2022

प्रिकॉशन डोज है जरूरी, फिर भी लोगों ने बना रखी है दूरी

प्रिकॉशन डोज है जरूरी, फिर भी लोगों ने बना रखी है दूरी

धौलपुर. कोरोना महामारी से लड़ाई में दुनिया के कई देश बूस्टर डोज को एक उम्मीद की तरह देख रहे हैं. एक्सपर्ट मान रहे हैं कि वैक्सीन लगाने से कोरोना से होने वाली गंभीर बीमारी और मृत्यु से बचने में काफी हद तक मदद मिलेगी। यही वजह है कि केंद्र सरकार के निर्देश पर देशभर सहित धौलपुर में भी 60 वर्ष से अधिक आयु के बुजुर्गों, फ्रंटलाइन वर्कर्स और हेल्थ केयर वर्कर्स को प्रिकॉशन डोज देने की शुरुआत 10 जनवरी से हुई। हालांकि, धौलपुर में प्रिकॉशन डोज लेने में लोगों की सुस्ती स्वास्थ्य पर भारी पड़ सकती है। जिले में अब तक मात्र 27 हजार लोगों ने ही प्रिकॉशन डोज ली है। जबकि, जिले में साठ वर्ष से अधिक आयुवर्ग के ही करीब ढाई लाख से अधिक बुजुर्गों का कोरोना टीकाकरण हुआ है। इसके अलावा फ्रंटलाइन वर्कर्स और हेल्थ केयर वर्कर्स की संख्या अलग है। बता दें, मंगलवार तक जिले में कुल १६ लाख ८० हजार १२५ खुराक दी जा चुकी हैं।

एक भी प्राइवेट अस्पताल में नहीं सुविधा

केन्द्र सरकार की ओर से साठ साल से अधिक आयुवर्ग के बुजुर्गों, फ्रंटलाइन व हैल्थकेयर वर्कर्स के लिए तो सरकारी स्तर पर प्रिकॉशन डोज के टीकाकरण की व्यवस्था की है। वहीं, 12 से 59 वर्ष आयुवर्ग के लोगों को निजी अस्पतालों में शुल्क अदा कर खुराक लगवानी होगी। धौलपुर में फिलहाल किसी भी निजी चिकित्सालय में यह सुविधा नहीं है। ऐसे में पैसा खर्च करने पर भी धौलपुर में लोगों को सुविधा उपलब्ध नहीं हो रही है। राज्य में भी मात्र दस जिलों में निजी चिकित्सालयों में प्रिकॉशन डोज की सुविधा उपलब्ध है।

लोगों को जागरूक कर रहा विभाग

चिकित्सा विभाग ने एक जून से हर-घर दस्तक अभियान शुरू किया है। इसमें एएनएम, आशा सहयोगिनी व आंगनबाड़ी कार्यकर्ता घर-घर जाकर कोरोना की खुराकों से चूके लोगों की पहचान कर रहे हैं। विभाग की ओर से ऐसे लोगों को टीके लगवाए जाएंगे। यह अभियान 31 जुलाई तक चलेगा।

मुख्यमंत्री ने खुद की प्रिकॉशन डोज लेने की अपील

राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने लोगों से मास्क लगाने व टीके की दोनों खुराक लेने के बाद चिकित्सक की सलाह पर एहतियाती (प्रिकॉशन) खुराक भी लेने की अपील की है। गहलोत ने पिछले दिनों ट्वीट किया कि ‘अमरीका, ऑस्ट्रेलिया, जर्मनी और भारत समेत दुनिया के कई देशों में कोविड-19 के मामले धीरे-धीरे पुन: बढऩे लगे हैं। ऐसा देखने में आया है कि आमजन में भी संक्रमण को लेकर गंभीरता अब कम हो गई है। हमें यह बात ध्यान रखनी है कि कोविड-19 कहीं गया नहीं है। यह हमेशा हमारे बीच रहेगा इसलिए सावधानी रखनी बेहद आवश्यक है।’

इन लोगों को लगेगी प्रिकॉशन डोज

प्रिकॉशन डोज लगने की शुरुआत फ्रंटलाइन वर्कर्स (मेडिकल स्टाफ, पुलिस आदि) और उन 60 साल से ज्यादा उम्र के बुजुर्गों से होगी जिन्हें कोई गंभीर बीमारी है या जिन्हें डॉक्टर ने सलाह दी है कि वे तीसरी डोज लगवा सकते हैं। दूसरी डोज लगने के 9 महीनों (39 हफ्तों) के बाद ही प्रिकॉशनरी डोज लगवानी होती है।

टेबल १.... यह है धौलपुर का आंकड़ा

प्रथम डोज द्वितीय डोज प्रिकॉशन डोज
९०९826 ७४3491 २६808

टेबल २.... जिले में पिछले दिनों टीकाकरण की स्थिति

दिनांक प्रथम डोज द्वितीय डोज प्रिकॉशन डोज
1 जून 70 1295 93

2 जून 0 86 01
3 जून 9 638 36

4 जून 64 1316 136
6 जून 70 1175 189

इनका कहना है

साठ वर्ष आयु वर्ग व हाइरिस्क वाले प्रिकॉशन डोज जरूर लें। अभिभावक भी बच्चों को स्कूल खुलने से पहले टीककरण कराएं। सभी 34 पीएचसी व 8 सीएचसी पर टीकाकरण की सुविधा उपलब्ध है।

- डॉ. शिवकुमार शर्मा, आरसीएचओ, धौलपुर