केइएम गेस्ट हाउस शहर के बीचोबीच तथा रेलवे स्टेशन के सामने स्थित है। यदि इसके संचालन पर ध्यान दिया जाए तो यह कमाऊपूत बन सकता है। भवन के 50 कमरे व हॉल को 500 से 800 की दर से किराए पर दिया जाता है। अधिकतर दक्षिण भारतीय, गुजराती पर्यटक व दरगाह आने वाले जायरीन गु्रप में ठहरते हैं। इस भवन में दो बैंकों का संचालन होता है। एटीएम भी संचालित हैं। को-ऑपरेटिव सोसायटी का भी संचालन किया जाता है। अजमेर डिस्कॉम को जीएसएस के लिए लीज पर जमीन दी गई। इसके अलावा पड़ाव की तरफ 13 दुकानें भी किराए पर हैं जिनसे सालाना लाखों रुपए की आय होती है। जायरीन की बसें व अन्य वाहन भी पार्क किए जाते हैं लेकिन केइएम के लिए अलग से लगाए गए स्टाफ के वेतन पर ही अधिकतर राशि खर्च हो जाती है।
संरक्षित है केइएम
कईएम (रेस्ट हाउस) को राजस्थान स्मारक, पुरावशेष स्थान तथा प्राचीन वस्तु अधिनियम के तहत यह संक्षित स्मारक/संरक्षित क्षेत्र घोषित किया गया है। भवन की नींव का पत्थर तत्कालीन भारत के वायसराय और गवर्नर जनरल वारेन हास्टिंग ने 16 नवम्बर 1912 ई. को रखी थी।
कईएम (रेस्ट हाउस) को राजस्थान स्मारक, पुरावशेष स्थान तथा प्राचीन वस्तु अधिनियम के तहत यह संक्षित स्मारक/संरक्षित क्षेत्र घोषित किया गया है। भवन की नींव का पत्थर तत्कालीन भारत के वायसराय और गवर्नर जनरल वारेन हास्टिंग ने 16 नवम्बर 1912 ई. को रखी थी।