
principal in engineering college
रक्तिम तिवारी/अजमेर.
राज्य में अजमेर सहित अन्य इंजीनियरिंग कॉलेज में स्थाई प्राचार्यों की नियुक्ति मुश्किल है। कोरोना संक्रमण और लॉकडाउन के कारण साक्षात्कार होने आसान नहीं हैं। सत्र 2020-21 में भी कार्यवाहक प्राचार्यों के भरोसे ही कॉलेज चलेंगे।
अजमेर, भरतपुर, बारां, झालावाड़ और अन्य इंजीनियरिंग कॉलेज में स्थाई प्राचार्यों की नियुक्ति के लिए तकनीकी शिक्षा विभाग ने फरवरी-मार्च में ऑनलाइन आवेदन मांगे थे। विभाग ने आवेदनों की छंटनी भी कर ली। लॉकडाउन और कोरोना संक्रमण के चलते साक्षात्कार नहीं हो सके।
स्थिति सामान्य होने पर साक्षात्कार
जयपुर, अजमेर, जोधपुर, उदयपुर सहित कई जिलों में कोरोना संक्रमण फैला हुआ है। सरकार की पहली प्राथमिकता कोरोना संक्रमितों का उपचार और शहरों की स्थिति सामान्य करना है। रेल, सडक़ और हवाई यातायात भी बंद है। फिलहाल सोशल डिस्टेंसिंग भी अहम है। प्राचार्य पद के लिए आवेदन करने वालों के साक्षात्कार स्थिति सामान्य होने पर ही कराए जा सकते हैं।
ये है कॉलेज के हाल
-इंजीनियरिंग कॉलेज बड़ल्या में जून 2015 से नहीं स्थाई प्राचार्य
-महिला इंजीनियरिंग कॉलेज में दिसंबर 2017 से नहीं स्थाई प्राचार्य
चार साल से सिर्फ अड़चनें...
प्राचार्यों की नियुक्ति में चार साल से अड़चनें कायम है। तकनीकी शिक्षा विभाग ने अप्रेल 2016 में तकनीकी शिक्षा विभाग ने जयपुर में साक्षात्कार भी कराए, पर कोर्ट केस के चलते नियुक्ति नहीं हो सकी। 2018 में आवेदन लेने के बाद भी साक्षात्कार नहीं हो सके। अब 2020 में दोबारा आवेदन लिए गए हैं।
सभी कॉलेज में हैं ये परेशानियां
-स्टाफ और कर्मचारियों के वेतन-भत्तों में दिक्कतें
-सरकार से नहीं मिल रहा नियमित अनुदान
-कॉलेज में नहीं उपाचार्यों का पद सृजित
-शिक्षकों की नियुक्तियों-भर्तियों पर उठते रहे हैं सवाल
-स्वायत्तशासी समितियों के अधीन हैं कॉलेज
लगातार ड्यूटी दे रहे पुलिसकर्मियों को मिलेगा थोड़ा आराम
अजमेर. कोरोना लॉकडाउन के दौरान लगातार ड्यूटी कर रहे पुलिसकर्मियों को ‘कुछ ’ आराम मिल सकता है। पुलिस अधीक्षक ने वृत्ताधिकारियों और थाना प्रभारियों को परस्पर तालमेल कर थकान और तनाव झेल रहे पुलिसकर्मियों को आराम देने के निर्देश दिए हैं।
कोरोना लॉकडाउन के 46 दिन बीत चुके हैं। इस दौरान जिले में विभिन्न नाकों, थाना और कफ्र्यूग्रस्त इलाकों में में पुलिसकर्मी मुस्तैदी से तैनात है। लोगों को लॉकडाउन की पालना के लिए उन्हें अंदरूनी गली-मोहल्लों में भी घूमना पड़ रहा है। लगातार हार्ड ड्यूटी से कई पुलिसकर्मी थकान और मानसिक तनाव भी महसूस कर रहे हैं। कई पुलिसकर्मियों को लम्बे अर्से से अवकाश नहीं मिले हैं।
Published on:
11 May 2020 07:27 am
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