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पुष्कर मेले ने छोड़ी ग्रामीण संस्कृति की छाप

पुष्कर सरोवर में लगाई आस्था की डुबकी, कार्तिक एकादशी के पहले पंचर्तीथ स्नान के साथ धार्मिक पुष्कर मेला शुरू, शुक्रवार को मूंछ व साफा बांधो प्रतियोगिता रही आकर्षक,पुष्कर मेले में जगह-जगह सुरक्षा की विशेष व्यवस्था

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Pushkar fair left an impression of rural culture

पुष्कर में शुक्रवार को मंूछ प्रतियोगिता का लुत्फ उटाती विदेशी महिला पर्यटक।,पुष्कर में प्रबोधिनी एकादशी पर सरोवर पूजन के दौरान दीप प्रज्वलित।

पुष्कर (अजमेर). कार्तिक मास की पवित्र प्रबोधिनी एकादशी तिथि शुक्रवार को हजारों श्रद्धालुओं ने पुष्कर सरोवर (pushkar lake) में आस्था की डुबकी लगाई। इसके साथ ही धार्मिक पुष्कर मेला (puskar fair) शुरू हांे गया। पूर्णिमा तिथि तक लाखों श्रद्धालु पंचतीर्थ महास्नान करेंगे। पुष्कर सरोवर के घाटों पर व्यवस्था व सुरक्षा के लिए जिला प्रशासन ने अतिरिक्त कार्यपालक मजिस्ट्रेट नियुक्त किए हैं। साथ में एसडीआरएफ, रेस्क्यू कमेटी, सिविल डिफेन्स की टीम व गोताखोर भी तैनात हैं। सुरक्षा को लेकर सीसीसी टीवी कैमरे की भी निगाह है।

शुक्रवार तडक़े से ही पुष्कर सरोवर (puskar lake) में पंचतीर्थ महास्नान शुरू हो गया। दिन चढऩे के साथ ही सरोवर के सभी ५२ घाट श्रद्धालुओं से अट गए। दिनभर स्नान व पूजा पाठ चलता रहा। पुष्कर के बाजार व मंदिरों में श्रद्धालुआंे का सैलाब है। नगर पालिका पुष्कर की ओर से पुष्कर सरोवर के सभी घाटों पर आकर्षक विद्युत सजावट की गई है।

आध्यात्मिक पदयात्रा में झलकी धार्मिक समरसता

कार्तिक मास की देवउठनी एकादशी पर संत-महंतों व विभिन्न धर्म के अनुयायियों की आध्यात्मिक पदयात्रा में धार्मिक समरसता बही। पदयात्रा का पुष्कर के प्रमुख स्थानों पर पुष्पवर्षा व तोरण द्रार बनाकर स्वागत किया गया।
पुष्कर गुरुद्वारा के सामने पूजन के बाद आध्यात्मिक पदयात्रा शुरू हुई। इस दौरान हिन्दू, मुस्लिम, सिख, ईसाई सहित विभिन्न धर्मों के प्रतिनिधि शामिल रहे। मुख्य बाजार (main market) से वराह घाट, गऊ घाट के सामने से ब्रह्म चौक, ब्रह्मा मंदिर के सामने से यह यात्रा मेला मैदान पहुंची। इस दौरान बैण्डबाजे ने भजन सरिता बहाई।

पदयात्रा में भगवान राम, लक्ष्मण जानकी, आदिदेव गणेश, हनुमान, शिव पार्वती सहित विभिन्न देवी-देवताओं की झांकियां शामिल रही। जोधपुर के छगन लाल एंड पार्टी का कच्छी घोड़ा नृत्य करते चला।

कालबेलिया डांस आकर्षण का केन्द्र रहा। केसरिया झंडा उठाए सिख धर्म के पंज प्यारे अलग ही दिख रहे थे। मुख्य बाजार में पुष्प वर्षा के चलते सडक़ पर फूलों की चादर सी बिछ गई। मेला मैदान में देवस्थान विभाग के सहायक आयुक्त गिरीश वच्छानी,सहयोगी अरुण पाराशर ने मेला मैदान मंें संतों का शॉल ओढ़ा व माला पहनाकर स्वागत किया। फूल संघ के अध्यक्ष हनुमान सिंगोदिया ने पुष्प वर्षा की।

पदयात्रा में अजमेर दरगाह के जुल्फिकार चिश्ती, सेनाचार्य अचलानन्द महाराज, चित्रकू ट धाम के संत पाठक, सिख व ईसाई धर्म के प्रतिनिधियों के साथ पुष्कर के पं. कैलाशनाथ दाधीच दौ सौ से अधिक संत-महात्माओं ने भाग लिया।

इंग्लैण्ड की लीसा ने साथी पीटर के सिर बांधा राजस्थानी साफा

मेले में शुक्रवार को साफा बांधो प्रतियोगिता में विदेशी सैलानी भी शामिल रहे। इंग्लैण्ड की लीसा ने अपने साथी पीटर के सिर पर तय समय सीमा में सबसे पहले साफा बांधकर प्रथम स्थान पाया। नतीजे की घोषणा सुनते ही लीसा खुशी से उछल पड़ी।
प्रतियोगिता में विभिन्न देशों के कुल 8 विदेशी युगलों ने भी भाग लिया। इस दौरान पुरुष पर्यटकों को कुर्सी पर बिठा दिया।

इस दौरान महिला पर्यटकों ने अपने साथियों के साफा बांधा, तिलक लगाया। कलाई पर मोली बांधी। साफा बांधते समय प्रथम स्थान पर आने की होड़ में किसी ने पुरुष साथी के सिर के साथ-साथ चेहरे पर ही साफा लपेट दिया तो कोई बेतरतीब साफा बांधती रही।

यह नजारा देख मौजूद लोग हंस पड़े। इंग्लैण्ड की लीसा ने सबसे पहले अपने पुरुष साथी पीटर के सिर पर पगड़ी बांध प्रथम स्थान पर रही। लीसा ने अपने साथी के सिर को चूम कर खुशी व्यक्त की।पुष्कर के रेतीले धोरों में इतराए मुच्छड़

पाली जिला निवासी रामसिंह को मिला पहला स्थान

पुष्कर. मेले में शुक्रवार को मुच्छड़ प्रतियोगिता का आयोजन हुआ। इसमें जोधपुर निवासी रामसिंह पहले स्थान पर रहा। प्रतियोगिता के दौरान लंबी व घनी काली मूंछों के ताव देते प्रतिभागियों ने दर्शकों को खूब हंसाया।

कोई मूंछों के बल लगाता रहा तो कोई लंबाई दिखाकर प्रतियोगिता जीतने का दावा करता रहा। ऐसे में लोग ठहाके लगाने को मजबूर हो गए। विदेशी पर्यटकों ने मूच्छड़ों के साथ फोटो खिंचवाई। अजमेर के रावण सरकार व कुचामन के जगदीश सिंह ने मूंछे खोली तो पर्यटक आश्चर्यचकित हो गए।

अजमेर के रावण सरकार ने दोनों हाथ फैलाए तो मूंछों की लम्बाई ज्यादा निकली। प्रतियोगिता में कुल ११ मुच्छड़ों ने भाग लिया। पहले स्थान पर पाली जिले का रामंिसंह रहा। जो अब तक पुष्कर मेले में दस बार पहला इनाम जीत चुका है। दूसरे स्थान पर ईश्वर सिंह व तीसरे स्थान पर शंकर सिंह रहा। विदेशी बालाएं तो लम्बी-लम्बी मूंछों से इतनी प्रभावित हुई कि उन्होंने मूंछों को अपने मुंह पर लगाकर फोटो सेशन किया।.

..और गांधी आए नाटक का मंचन

अजमेर. सम्राट पृथ्वीराज चौहान राजकीय महाविद्यालय की राष्ट्रीय सेवा इकाइयों के स्वयंसेवकों ने पुष्कर मेले में ...और गांधी आए नाटक का मंचन किया। प्राचार्य डॉ. मुन्नालाल अग्रवाल की अगुवाई में रााष्ट्रीय सेवा योजना की चार इकाइयों के 41 स्वयंसेवक पुष्कर मेले में शामिल हुए।

नांटक मंचन के दौरान महात्मा गांधी की 1917 से 1947 की भूमिका में असहयोग आंदोलन, सविनय अवज्ञा आंदोलन, दांडी मार्च व भारत छोड़ो आंदोलन पर फोकस रहा। कार्यक्रम अधिकारी डॉ. अरुण पारीक, डॉ. लता अग्रवाल, डॉ. माया अग्रवाल, डॉ. काशिफ रजा मौजूद रहे। निर्देशन राजेन्द्र सिंह ने किया।

महाआरती का आयोजन

सरोवर के जयपुर घाट पर कार्तिक मास की देवउठनी एकादशी को शाम पुष्कर राज की महाआरती का आयोजन किया गया। शाम ढलने के साथ ही महाआरती में श्रद्धालुओं का सैलाब उमड़ पड़ा। पुष्कर होटल एसोसिएशन की ओर से आयोजित महाआरती में पुष्कर को नमन करने के लिए काफ ी श्रद्धालुओं ने भाग लिया ।