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Pushkar mela 2019: पुष्कर के घूमर डांस ने तोड़ा जोधपुर का रिकॉर्ड

पुष्कर मेले में आस्था के सैलाब के दौरान पहली मर्तबा अनूठा नृत्य कार्यक्रम हुआ।

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अजमेर. पुष्कर में श्रद्धालुओं का सैलाब उमड़ रहा है। सरोवर में स्नान जारी है। घाट पर दीप प्रज्जवलन और विशेष पूजा-अर्चना जारी है। मेला मैदान में राजस्थान के मशहूर घूमर नृत्य ने समां बांध दिया। करीब ढाई हजार महिलाओं, युवतियों और बालिकाओं ने अपना नृत्य कौशल दिखाया। जोधपुर में 1500 महिलाओं ने मंडोर उद्यान में एकसाथ घूमर किया था। पुष्कर मेले में महिलाओं के घूमर नृत्य ने यह रिकॉर्ड तोड़ दिया है।

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राजस्थान की अलबेली संस्कृति की झलक देखकर लोगों ने दांतों तले अंगुलियां दबा ली। पुष्कर मेले में आस्था के सैलाब के दौरान पहली मर्तबा अनूठा नृत्य कार्यक्रम हुआ।

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कार्तिक एकादशी से पूर्णिमा तक पंचदिवसीय स्नान की खास महत्ता है। इसके चलते पुष्कर में आस्था का सैलाब उमड़ रहा है। महिलाएं, पुरुष, साधु-संत पुरोहित पुष्कर सरोवर पहुंच रहे हैं। यहां सरोवर में स्नान का दौर जारी है। लोग पुष्कर राज की जय…., हर-हर महादेव के जयकारे लगाते हुए सरोवर में डुबकी लगाने में जुटे हैं. सभी 52 घाटों पर दीपदान और पूजा अर्चना का दौर भी शुरू हो गया है

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ये है स्नान की महत्ता

पुष्कर सरोवर में स्नान की महत्ता भी है। पौराणिक व्याख्यान के अनुसार कार्तिक एकादशी से पूर्णिमा तक देवी.देवता भी पुष्कर सरोवर में स्नान करने आते हैं। लिहाजा इस दौरान स्नान करने से सुख.समृद्धिए ऐश्वर्य और वैभव की प्राप्ति होती है। साथ ही व्यक्ति आरोग्य रहता है।

शुरू हुई शादियां और शुभ कार्य

देव प्रबोधिनी एकादशी पर शुक्रवार से शुभ कार्यों और वैवाहिक कार्यक्रमों की शुरुआत हो गई। चार महीने के बाद अजमेर सहित समूचे जिले में विवाह और अन्य कार्यक्रम होंगे।पारम्परिक मान्यता के मुताबिक प्रतिवर्ष आषाढ़ शुक्ल एकादशी से कार्तिक शुक्ल दशमी तक देवशयन करते हैं। इस दौरान शुभ कार्यए विवाह और अन्य मांगलिक कार्यक्रम नहीं होते हैं। कार्तिक माह की देव प्रबोधिनी एकादशी से शुभ कार्यों की पुनरू शुरुआत होती है। इसके तहत शुक्रवार से विवाह एवं शुभ कार्यों की शुरुआत हुई इसके अलावा कई लोगों ने एकादशी का व्रत रखा।

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