8 दिसंबर 2025,

सोमवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

#rajasthan ka ran: ये बरसों से कर रहे पार्टी का काम, अब चाहते हैं कुछ नेतागिरी करना

www.patrika.com/rajasthan-news

3 min read
Google source verification
congress leaders

congress leaders

दिलीप शर्मा/अजमेर।

विधानसभा चुनाव में दावेदारों की फैहरिस्त भले ही लंबी चौड़ी नजर आती है। लेकिन इसमें हर बार सत्ता से जुड़े चुनिंदा नेता ही सामने आते रहे हैं। पार्टी भी उनके अनुभव पुरानी हार जीत को देखते हुए उन्हें मौका देती रही है। वर्षों से यही सिलसिला कई चुनावों में देखा जा रहा है। इन सबके बीच इनकी जीत का आधार कहे जाने वाले संगठन के वह पदाधिकारी व कार्यकर्ता कभी भी मुखर नहीं हुए। पार्टी या रणनीतिकारों की नजर उन पर कब पड़ेगी। या वह यूं ही चुनाव दर चुनाव एेसे जुटे रहेंगे। जिले में कांग्रेस के कुछ संगठन पदाधिकारियों की बात करें तो उन्हें 30 से 40 साल पार्टी से जुड़े हो गए लेकिन उन्हें अवसर नहीं दिया गया। जबकिपार्टी के हर प्रत्याशी के साथ वह दिन रात खून पसीना बहाते रहे।

कांग्रेस पार्टी में संगठन से जुड़े पुराने कार्यकर्ता भी ताल ठोकने के मूड में है। सालों से संगठन की सेवा करने और हर चुनाव में पार्टी प्रत्याशियों के लिए दिन रात काम करने का प्रतिफल मिलना चाहिए। लिहाजा जिले के आठों विधानसभा क्षेत्र में संगठन के कई पुराने कार्यकर्ताओं व पदाधिकारियों ने टिकट की आस लगाई है। हालाकि पार्टी आलाकमान टिकट का फैसला करता है पार्टी कार्यकर्ता चाहते हैं कि उनकी उपेक्षा की बजाय सालों की मेहनत का लाभ अब नहीं तो उन्हें कब मिलेगा। जिले के किशनगढ, पुष्कर, मसूदा, ब्यावर, केकड़ी के कई पदाधिकारी एेसे हैं जिन्होंने पार्टी को सींचने में वर्षों दे दिए, कभी टिकट की मांग को लेकर उतने मुखर नहीं हुए एक अनुशासित सिपाही की तरह लगे रहे।

संगठन के सिपाही
प्रद्युम्न सिंह - मौजूदा समय में लगातार चौथी बार देहात कांग्रेस उपाध्यक्ष किशनगढ़ से वकील सिंह जो पिछले तीस साल से अधिक समय से पार्टी में संगठन के पदों पर लगातार छह बार से पदाधिकारी रहे। 1998 में कांग्रेस जिले की तीन सदस्यीय चुनाव पैनल कमेटी सदस्य। सिंह के लिए हाल ही में देहात के कई नेताओं ने प्रदेश कार्यकारिणी में लेने की सिफारिश भी प्रदेश अध्यक्ष सचिप पायलट से की है।

राकेश शर्मा - किशनगढ़ से देहात युवक कांग्रेस लोकसभा क्षेत्र अजमेर से दो बार लगातार अध्यक्ष व पीसीसी सदस्य भी दावेदार।

बीरम सिंह रावत - पुष्कर क्षेत्र में खासे लोकप्रिय। देहात कांग्रेस में महामंत्री व उपाध्यक्ष। रावत समाज में अच्छी पैठ रखते हैं। कई बार दावेदार के रूप में सामने भी आए लेकिन कभी पार्टी ने मौका नहीं दिया।
दामोदर शर्मा - तीस साल से पार्टी में जुड़े। पुष्कर चैयरमेन व देहात में कई पदों पर रह चुके। पुष्कर में इनके पिता पुष्कर नारायण शर्मा भी पुष्कर नगर पालिका चैयरमेन रहे।

हरिसिंह गुर्जर - गुर्जर समाज में अपना प्रभाव रखने के साथ वकील व देहात विधि प्रकोष्ठ पर कई वर्षों से पदाधिकारी। पार्टी गतिविधियों में नियमित उपस्थिति। नसीराबाद क्षेत्र से टिकट की आस।
राकेश पारीक - सेवादल के प्रदेश के सर्वोच्च पद पर पहुंचे। जिला परिषद सदस्य भी रहे। इससे पूर्व सेवादल सहित कांग्रेस की कई इकाईयों में पदाधिकारी रहे। ब्राह्मण समाज व केकड़ी, सरवाड़ क्षेत्र में प्रभाव।

दिनेश शर्मा - ब्यावर के इंटक नेता आनंद मोहन शर्मा के पुत्र। स्वयं भी इंटक नेता। युवक कांग्रेस अध्यक्ष व डीसीसी व देहात कांग्रेस में पदाधिकारी। इनके दादा बृजमोहन शर्मा अजमेर मेरवाड़ा में मंत्री रहे। पारस पंच भी वैश्य दावेदार हैं।
राव दुष्यंत सिंह मसूदा - पीसीसी सदस्य। इनके पिता राव नारायण सिंह पांच बार विधायक व दसा साल मंत्री रहे। इनकी माता उर्मिला देवी एआईसीसी सदस्य रहीं। संगठन में पीसीसी सदस्य रहे।

संग्राम सिंह गुर्जर - गुर्जर समाज में प्रभावशाली व समाज सेवी। ओबीसी प्रकोष्ठ में प्रदेश उपाध्यक्ष रहे। करीब दस साल से संगठन से जुडे़। मसूदा क्षेत्र से दावेदारी।
नसीराबाद - सौरभ बजाड़ उपाध्यक्ष देहात कांग्रेस व नौरत गुर्जर सहित कुछ गुर्जर नेता उभरने की कोशिश की लेकिन यहां गोविंद सिंह गुर्जर परिवार का वर्चस्व रहा।

उत्तर अजमेर- विजय जैन व आठ साल से महिला कांग्रेस की कमान संभाल रही एक मात्र अल्पसंख्यक महिला दावेदार। आदि भी संगठन से प्रबल दावेदारी कर सकते हैं। गिरधर तेजवानी संगठन में उपाध्यक्ष पत्रकार के वर्ग में एक मात्र दावेदार।
दक्षिण अजमेर - पूर्व महापौर रहे कमल बाकोलिया व देहात उपाध्यक्ष छीतरमल टेपण व पूर्व में महापौर के प्रबल दावेदार व रैगर समाज में शिक्षित डॉक्टर राकेश सिवासिया आदि भी इच्छा रखते हैं चुनाव मैदान में उतरने की।