
किसानों को गिरदावरी से सम्बंधित परेशानी से अब निजात मिल सकेगी। इसके लिए राजस्थान खसरा गिरदावरी एप व किसान गिरदावरी एप को और अधिक प्रभावी बनाया गया है। अब गिरदावरी तैयार करते समय पटवारी अथवा अन्य कार्मिक को संबंधित खेत पर पहुंच कर उसकी फोटो भी अपलोड करनी होगी। पूर्व में बने एप में खेत की फोटो अपलोड करने की व्यवस्था नहीं थी।
राजस्थान के भू-प्रबंध विभाग ने भारत सरकार के निर्देश पर पायलट प्रोजेक्ट के रूप में राजस्थान की 10 तहसीलों का चयन किया है, जिसमें केकड़ी के सरवाड़ उपखंड की टांटोटी तहसील को शामिल किया गया है। इसके अलावा बीकानेर जिले की हदा, जयपुर की कालवाड़, करौली की श्रीमहावीरजी, जोधपुर की सेतरावा, सीकर की रामगढ़ शेखावाटी, उदयपुर की कानोड़, भरतपुर की रुदावल, कोटा की रामगंज मंडी व चूरू जिले की राजदेलसर तहसील का चयन किया गया है। इन सभी तहसीलों के समस्त खसरों की गिरदावरी कार्य के लिए 5 मार्च तक की अवधि निर्धारित की गई है।
ऐप के माध्यम की जाने वाली गिरदावरी का कार्य चार भागों में विभक्त किया गया है। इसके तहत पटवार मंडल के कुल खसरों की 20 प्रतिशत गिरदावरी राजस्व पटवारी की ओर से की जाएगी। 15 प्रतिशत गिरदावरी कृषि पर्यवेक्षक व शेष 65 प्रतिशत गिरदावरी की जिम्मेदारी पटवारी की ओर से ई-मित्र, पटवार सहायक अथवा कृषक मित्र तीनों में से किसी एक को दी जाएगी, जिसका पर्यवेक्षण पटवारी की ओर से किया जाएगा तथा इसके अनुमोदन के लिए एक समिति भी गठित की गई है, जिसमें उपखंड अधिकारी को अध्यक्ष व तहसीलदार तथा संबंधित कृषि अधिकारी को सदस्य बनाया गया है। कार्य संपादन के पश्चात संबंधित कार्मिक को 10 रुपए प्रति खसरे की दर से भुगतान भी किया जाएगा। भुगतान की कार्यवाही भू प्रबंध विभाग के माध्यम से कृषि विभाग की ओर से की जाएगी।
ऑन लाइन गिरदावरी के पायलट प्रोजेक्ट के प्रभावी क्रियान्वयन के लिए केकड़ी जिला कलेक्टर श्वेता चौहान ने टांटोटी पहुंचकर संबंधित अधिकारियों व कार्मिकों की बैठक ली और एप के माध्यम से तहसील के सभी खसरों की गिरदावरी कार्य को समयबद्ध तरीके से करने के लिए निर्देशित किया।
Published on:
02 Mar 2024 03:32 pm
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