
सीएम भजनलाल शर्मा (फाइल फोटो पत्रिका)
Rajasthan Scheme : राजस्थान में लघु व सीमान्त किसानों के लिए नई योजना। भजनलाल सरकार किसानों को प्रतिवर्ष 30 हजार रुपए देगी। सरकार किसानों को बेलों से खेती करने के लिए प्रेरित कर रही है। राजस्थान सरकार ने प्रदेश के लघु व सीमान्त कृषकों को बैलों से खेती करने पर प्रोत्साहन स्वरूप 30 हजार रुपए प्रति वर्ष देने की घोषणा की है। ऐसे में किसान फिर से खेतों में बैलों से भूमि की जुताई करते नजर आएंगे। घटती बैलों की संख्या को देखते हुए सरकार ने यह निर्णय किया है।
सरकार की यह घोषणा इस पहचान को जीवित रख सकेगी। पहले सांझ ढले किसान अपने खेतों से लौटते थे तो बैलों की हुंकार व गले में बंधी घंटियां बजती थीं। ऐसा प्रतीत होता था कि मानो कोई संगीत के स्वर छेड़ रहा हो। आज काश्तकारों के घर बैलों के बिना सूने नजर आने लगे हैं।
ग्रामीण क्षेत्रों में खेत जोतने की सीजन शुरू होते ही किसान बेलों को लेकर खेतों में जाया करते थे। बुजुर्ग बताते है कि जब बैलों के साथ चला करते उनके गले में घंटी व छन-छन की आवाज मन को आनन्दीत करतीं थी।
बुजुर्ग बताते हैं कि पहले गांवों में बड़ी तादाद में बैलों की जोडियां नजर आया करती थीं। अब न केवल सम्पन्न बल्कि आम किसानों ने भी बैलों को पूरी तरह से त्याग दिया है। जिन लोगों के पास सिंचाई के आधुनिक यंत्र नहीं है, उन्होंने भी किराए पर इनका जुगाड़ कर समय की बचत की बात कहकर बैलों की जोडियों से अपना मुंह मोड़ा ।
राजस्थान सरकार ने प्रदेश के लघु व सीमान्त कृषकों को बैलों से खेती करने के लिए प्रोत्साहन स्वरूप 30 हजार रुपए प्रति वर्ष देने की घोषणा की है। ऐसे में किसान फिर से खेतों में बैलों से भूमि की जुताई करते नजर आएंगे। इसके लिए बैलों की बीमा (टैगिंग) एवं स्वास्थ्य प्रमाण पत्र जारी कर आवेदन करना होगा।
रामप्रकाश बेड़ा, सहायक निदेशक , कृषि विस्तार मेड़ता
योजना का लाभ केवल उन्हें ही मिलेगा जिनके पास दो बैल हों और वह इनका उपयोग खेती कार्य में कर रहे हों। तहसीलदार से प्रमाणित लघु या सीमांत कृषक प्रमाण पत्र प्रस्तुत करना अनिवार्य होगा। प्रक्रिया ऑनलाइन रहेगी। आवेदन के साथ किसानों को बैल जोड़ी के साथ स्वयं की फोटो, पशु बीमा पॉलिसी, बैलों का स्वास्थ्य प्रमाण पत्र, शपथ पत्र तथा लघु या सीमांत किसान प्रमाण पत्र जैसे आवश्यक दस्तावेज अपलोड करने होंगे। वैध आवेदनों की जांच 30 दिनों में पूरी कर ली जाएगी। इसकी स्वीकृति की सूचना किसानों को एसएमएस और पोर्टल के माध्यम से दी जाएगी।
Published on:
27 May 2025 02:34 pm
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