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अजमेर. राजस्व मंडल द्वारा यूओ नोट जारी कर मंडल सदस्यों को अधीनस्थ राजस्व न्यायालयों के मूल अभिलेख (रिकॉर्ड) मंगवाए जाने रोक लगाने तथा निगरानीकर्ता को अधीनस्थ राजस्व अदालत के सभी निर्णय एवं दस्तावेजों की प्रमाणित प्रतियां प्रस्तुत करने के मामले में मंडल निबन्धक ने स्पष्टीकरण जारी कर दिया है। मंडल निबंधक के अनुसार यह यूओ नोट पीठासीन अधिकारियों पर बाध्यकारी नहीं है। पीठासीन अधिकारियों से प्रत्येक मुकदमें में निर्धारित प्रक्रिया के अनुसार स्वविवेक का प्रयोग करते हुए विधि सम्मत निर्णय पारित किया जान अपेक्षित है। बैठक के बाद बनी सहमति
राजस्व बार एसोसिएशन ने प्रमाणित प्रतियों से मुकदमों की सुनवाई (निगरानी) तथा निचली अदालतों से रिकॉर्ड नहीं मंगवाने के लिए जारी किए गए यूओ नोट का विरोध शुरु कर दिया था। करीब 8 दिन तक राजस्व मंडल व राजस्व अधीनस्थ अदालतों में न्यायिक कार्य ठप रहा। इस मामले को लेकर मंडल अध्यक्ष तथा राजस्व बार के बीच बैठक के बाद सहमति बनी।
23 से शुरु होगी मुकदमों की सुनवाई
राजस्व बार एसोसिएशन ने गुरुवार को साधारण सभा की बैठक आयोजित कर राजस्व मंडल अध्यक्ष के साथ हुई बैठक तथा जारी किए गए स्पष्टीकरण की जानकारी दी। इसके बाद अधिवक्ताओं ने हड़ताल खत्म कर दी। राजस्व बार के अनुसार 23 अगस्त से अधिवक्ता न्यायिक कार्यो में भाग लेंगे।
तो आमजन को मिलती राहत...
राजस्व मंडल के अनुसार अधीनस्थ अदालतों के मुकदतों व दस्तावेजों की प्रमाणित प्रतियां प्रस्तुत करने से मूल पत्रावली तलब किए जाने में लगने वाले समय की बचत होगी एवं प्रकरण जल्द निस्तारित हो सकेंगे। कई बार प्रकरणों में स्टे नहीं होने के बावजूद मुकदमें की फाइल निचली अदालत से तलब कर ली जाती है। जिससे अधीनस्थ अदालत में बिना स्टे के ही समस्त कार्रवाई ठप हो जाती है, यह ठीक नहीं है। इससे निचली अदालतों में पेडेंसी बढ़ती है।
Published on:
20 Aug 2021 07:07 pm
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