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आरपीएससी चेयरमेन ने मांगा ये खास जवाब, मची ऑफिस में खलबली

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 Demand for further extension of date of School Lecturer Recruitment Examination, student staying in cold night

Demand for further extension of date of School Lecturer Recruitment Examination, student staying in cold night

अजमेर.

आरएएस मुख्य परीक्षा-2018 को लेकर राजस्थान लोक सेवा आयोग में ‘अंदरूनी ’ सरगर्मियां बढ़ी हुई हैं। अध्यक्ष ने परीक्षा तिथि आगे बढ़ाने की सिफारिश देने वाली कमेटी सहित अधिकारियों से अहम बिन्दुओं पर जवाब मांगा है। फिलहाल किसी स्तर से इसका प्रत्युत्तर नहीं मिला है।

आरएएस प्रारंभिक परीक्षा-2018 की कट ऑफ को लेकर सुरज्ञान सिंह एवं अन्य ने राजस्थान हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी। हाईकोर्ट ने आयोग को आयोग को ऐसे अभ्यर्थियों को परीक्षा में शामिल करने के आदेश दिए। इसके तहत आयोग ने ओबीसी और एमबीसी श्रेणी के 7 हजार 145 अभ्यर्थियों को अस्थाई रूप से सफल घोषित किया। इन अभ्यर्थियों ने तैयारी का समय कम बताते हुए मुख्य परीक्षा की तिथि आगे बढ़ाने की मांग की थी। जिस पर वरिष्ठ सदस्य डॉ. आर. डी. सैनी, सुरजीतलाल मीना और रामूराम राईका की कमेटी बनाई गई। कमेटी की रिपोर्ट पर आयोग ने 28 और 28 जनवरी को मुख्य परीक्षा कराने का फैसला किया है।

अध्यक्ष ने मांगा जवाब...

मुख्य परीक्षा की तिथि आगे बढ़ाने के बाद आयोग अध्यक्ष दीपक उप्रेती ने कुछ अहम बिन्दुओं पर कमेटी और अधिकारियों से जवाब मांगा है। इसमें कार्मिक विभाग के 15 गुणा फार्मूले के अनुसार घोषित हुए परिणाम, हाईकोर्ट की खंडपीठ में दायर याचिका, सामान्य वर्ग के कई अभ्यर्थियों के भविष्य में हाईकोर्ट में जाने सहित अन्य बिन्दु शमिल हैं। फिलहाल अध्यक्ष उप्रेती को किसी स्तर से जवाब नहीं मिला है।

नहीं हो जाए 2016 जैसा हाल

आरएएस एवं अधीनस्थ सेवा भर्ती परीक्षा-2018 के हाल साल 2016 जैसे बनते दिख रहे हैं। 2016 की प्रारंभिक परीक्षा स्तर पर 15 गुणा से अधिक सफल अभ्यर्थियों को मुख्य परीक्षा से बाहर रखने पर राजस्थान हाईकोर्ट में याचिका लगाई गई थी। अदालत ने आदेश में कहा कि चयन प्रक्रिया के विभिन्न स्तरों पर आरक्षण का प्रावधान लागू नहीं किया जा सकता है। खंडपीठ ने आदेश दिया कि आरएएस भर्ती नियमों के तहत 15 गुणा अभ्यर्थी ही मुख्य परीक्षा के लिए बुलाए जाएं। प्रारंभिक परीक्षा के लिए परिणाम के स्तर पर 15 गुणा से अधिक सफल घोषित अभ्यर्थियों की अलग सूची बनाई जाए। इस परीक्षा के साक्षात्कार, मेडिकल और अन्य औपचारिकताएं पूरी होने के बावजूद अभ्यर्थियों का पदस्थापन नहीं हुआ है।


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