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आरपीएससी चेयरमेन कर रहे आरएएस एग्जाम की तैयारी, ये है इसकी खास वजह

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rpsc chairman prepration

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रक्तिम तिवारी/अजमेर.

राजस्थान लोक सेवा आयोग का आरएएस मुख्य परीक्षा-2018 के पेपर इस बार काफी गुणवत्तायुक्त होंगे। दरअसल आयोग अध्यक्ष दीपक उप्रेती स्वयं इसकी तैयारी में जुटे हैं। मुख्य परीक्षा के लिए उन्होंने खुद को भी अपडेट करने के लिए गहन अध्ययन शुरू किया है। ताकि प्रदेश को बेहतरीन और प्रशासनिक दक्षता वाले अधिकारी मिल सकें।

बीती 5 अगस्त को हुई आरएएस प्रारंभिक परीक्षा में 3 लाख 76 हजार 762 अभ्यर्थी शामिल हुए थे। आयोग ने बीती 23 अक्टूबर को इनका परिणाम जारी किया है। टीएसपी क्षेत्र में 571 और नॉन टीएसपी क्षेत्र में 15 हजार 044 अभ्यर्थी उत्तीर्ण किए गए हैं। आरएएस मुख्य परीक्षा 23 और 24 दिसम्बर को होगी। लिहाजा आयोग इसकी तैयारी में जुट गया है।

अध्यक्ष स्वयं जुटे तैयारी में
मुख्य परीक्षा को देखते हुए आयोग अध्यक्ष दीपक उप्रेती स्वयं भी पढ़ाई करने में जुटे हैं। वे बाकायदा विज्ञान, सामाजिक विज्ञान, सामान्य ज्ञान, साहित्य, राजस्थान की संस्कृति-भूगोल और अन्य विषयवार सामग्री का अध्ययन कर रहे हैं। उनका मानना है, कि गुणवत्तापूर्ण और बेहतरीन पेपर होने से अभ्यर्थियों की प्रशासनिक क्षमता सामने आएगी। साथ ही भविष्य में प्रदेश को स्मार्ट अफसर मिल सकेंगे। मालूम हो कि उप्रेती पढऩे-लिखने के काफी शौकीन भी हैं।

ताकि कम हों तकनीकी त्रुटियां..

आयोग अध्यक्ष ने मुख्य परीक्षा के पेपर ढंग से तैयार कराने पर भी विशेष जोर दिया है। ताकि पेपर में तकनीकी त्रुटियां कम हों। पेपर तैयार करने वाले विशेषज्ञों को भी कई निर्देश दिए गए हैं। स्वयं अध्यक्ष का मानना है, कि अच्छी तरह और पूर्ण विधि से जांचे-परखे पेपर होने पर अभ्यर्थियों को समस्याएं नहीं होंगी। साथ ही आयोग की परेशानियां भी कम होंगी।

सिरदर्द रही है विभिन्न परीक्षाएं

साल 2012 के बाद हुई आएरएएस एवं अधीनस्थ सेवा भर्ती परीक्षाएं आयोग सहित अभ्यर्थियों के लिए सिरदर्द साबित हुई हैं। इनमें 2013 की परीक्षा ने सरकार, आयोग और अभ्यर्थियों को सर्वाधिक परेशान किया। इसके बाद हुई परीक्षाओं में कभी पेपर लीक तो कभी उत्तर कुंजी को लेकर आयोग को राजस्थान हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट तक पहुंचना पड़ा। साल 2016 की परीक्षा में एसबीएसी और जाट आरक्षण मामले को लेकर आयोग काफी परेशान रहा। बीते साल अगस्त और सितम्बर में अभ्यर्थियों के साक्षात्कार हुए। स्थाई अध्यक्ष नहीं होने के बावजूद आयोग ने फुल कमीशन की मंजूरी से 1731 अभ्यर्थियों की मेरिट सूची जारी की।

नहीं हो सकी थी 2017 की परीक्षा

कार्मिक विभाग ने आयोग को आरएएस एवं अधीनस्थ सेवा भर्ती परीक्षा-2017 की अभ्यर्थना भेजी थी। इसमें करीब 750 पदों पर भर्ती होनी थी। लेकिन एमबीसी और जाट आरक्षण मामले में सरकार बैकफुट पर थी। इसके चलते आयोग को भर्तियों को ठंडे बस्ते में डालने को कहा गया था। हालांकि बाद में 2018 की भर्ती में ही इसे शामिल कर लिया गया था।


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