
headmaster exam
अजमेर
राजस्थान लोक सेवा आयोग की प्रधानाध्यापक प्रतियोगी परीक्षा-2017 को लेकर शिक्षक असमंजस में है। शिक्षकों की मानें तो एक तरफ विधानसभा चुनाव के चलते वे दो महीने से बीएलओ कार्य में व्यस्त हैं। उधर सितम्बर में आयोग प्रधानाध्यापक प्रतियोगी परीक्षा करा रहा है। ऐसे में कई शिक्षक अहम परीक्षा से वंचित हो सकते हैं।
कई सरकारी और निजी स्कूल में कार्यरत शिक्षकों ने माध्यमिक शिक्षा विभाग की प्रधानाध्यापक प्रतियोगी परीक्षा-2017 के लिए आवेदन किए हैं।
राजस्थान लोक सेवा आयोग ने 2 सितम्बर को परीक्षा कराना तय किया है। आयोग को 97 हजार 596 आवेदन मिले हैं।चुनाव कार्य के लिए लगाया बीएलओप्रदेश में इस साल विधानसभा चुनाव होने हैं। इसके लिए सरकारी स्कूल के शिक्षकों को बीएलओ बनाया गया है।
शिक्षकों को मतदाता सूचियों के पुनरीक्षण और अन्य कार्य करने हैं। चुनाव के चलते यह कार्य बहुत अहम है। कई शिक्षकों ने प्रधानाध्यापक प्रतियोगी परीक्षा के लिए आवेदन किए हैं।
कैसे देंगे परीक्षा?
शिक्षकों ने बताया कि मतदाता सूचियों का पुनरीक्षण कार्य काफी लम्बा है। पिछले दो महीने से वे लगातार बीएलओ कार्य कर रहे हैं। इधर आयोग ने सितम्बर में परीक्षा कराना तय किया है। एक तरफ बीएलओ कार्य की ड्यूटी और दूसरी ओर शिक्षक परीक्षा से शिक्षकों की परेशानी बढ़ गई है। कई शिक्षक परीक्षा से वंचित हो सकते हैं। आयोग को परीक्षा तिथि में परिवर्तन करना चाहिए।
सरकार से आदेश मिले तो होगी तृतीय काउंसलिंग
महर्षि दयानंद सरस्वती विश्वविद्यालय को पीटीईटी की तृतीय काउंसलिंग के लिए सरकार के आदेश का इंतजार है। आदेश मिलने के बाद कॉलेज में रिक्त सीट की सूची और काउंसलिंग कार्यक्रम जारी किया जाएगा।
पीटीईटी समन्यवक प्रो. बी. पी. सारस्वत ने बताया कि सरकार के आदेशानुसार प्रथम और द्वितीय चरण की काउंसलिंग 31 जुलाई तक हो चुकी है। इसके तहत दो वर्षीय बीएड और चार वर्षीय बीएससी एवं बीए-बीएड कोर्स में अभ्यर्थियों को प्रवेश दिए गए हैं। सरकार के आदेश मिलने पर ही तृतीय काउंसलिंग कराई जाएगी।सूची और कार्यक्रम जल्द
प्रदेश के विभिन्न बीएड कॉलेज में रिक्त सीट की सूची और काउंसलिंग कार्यक्रम जल्द जारी होगा। वैसे मदस विश्वविद्यालय विभिन्न बीएड कॉलेज में 90 प्रतिशत से ज्यादा सीट पर दाखिले दे चुका है। राजस्थान हाईकोर्ट ने तृतीय काउंसलिंग के आदेश दिए हैं, इसके चलते विश्वविद्यालय को फिर से तैयारियां शुरू करनी होंगी।
चाहिए 346.72 मिलीमीटर बारिश
जिले में मानसून की सुस्ती कायम है। पिछले दस दिन से बादल छाने हवा चलने और धूप-छांव का दौर जारी है। मानसून के इस साल के 57 दिन और बचे हैं। इस दौरान जिले को 346.72 मिलीमीटर बारिश की जरूरत है। बड़े और छोटे जलाशयों में नाममात्र का पानी है। अगर बरसात नहीं हुई तो खेतों और लोगों को पर्याप्त पानी नसीब नहीं होगा।
Published on:
05 Aug 2018 08:54 am
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