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राजस्थान के इस जिले में मराठों ने बनाए दो चमत्कारी शिव मंदिर, इन में से एक में होती है शंख और डमरू से आरती

Famous Shiv Mandir: श्रावण मास में शिवालयों में आस्था उमड़ रही है।

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अजमेर

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Nupur Sharma

Jul 14, 2023

Sawan 2023:  Shanteshwar And Jageshwar Mahadev Mandir In Ajmer Rajasthan

अजमेर/पत्रिका। Famous Shiv Mandir: श्रावण मास में शिवालयों में आस्था उमड़ रही है। शहर के परकोटे में मराठाकाल में कई मंदिर स्थापित हुए। इनमें शांतेश्वर महादेव मंदिर प्रमुख है, वहीं मदार गेट स्थित जागेश्वर महादेव मंदिर की आरती में डमरू से पूजा होती है।

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शांतेश्वर महादेव मंदिर में भक्त करते है ध्यान
शांतेश्वर महादेव मंदिर में सावन में भक्त अलसुबह महादेव का पूजन प्रारंभ कर देते हैं। मंदिर में सुबह 4 बजे से भक्त भोलेनाथ को मनाने पहुंच जाते हैं। सामूहिक रूप से महादेव का पूजन कर आराधना करते हैं।

पुजारी पं. कुलदीप शुक्ला ने बताया कि मंदिर की स्थापना मराठा शासनकाल में हुई थी। शांताराव मराठा शिवभक्त थे। इसका नाम शांतेश्वर महादेव मंदिर रखा गया। वे यहां घंटों महादेव का ध्यान किया करते थे। अजमेर में रहने वाले मराठा शासक और अधिकारी यहां अक्सर पूजा करने आया करते थे।

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जागेश्वर महादेव मंदिर में डमरू से होती है आरती
मदार गेट क्लॉक टावर के पास स्थित प्राचीन जागेश्वर महादेव मंदिर भी मराठा काल का है। मनीष गोयल ने बताया कि श्रावण में प्रतिदिन महादेव का दूध, दही, शहद और गुलाब जल से अभिषेक किया जाता है। एक माह तक प्रतिदिन अलग-अलग तरह से महादेव का शृंगार किया जाता है। इत्र चढ़ाया जाता है। भोग लगाकर शंख और डमरू बजाकर आरती की जाती है। वर्ष पर्यन्त सोमवार, प्रदोष पर विशेष आरती व शृंगार किया है। शिवरात्रि को महादेव का मेला भरता है।


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