
kawad yatra in ajmer
अजमेर. शहर के शिवालय (shiva temples) बोल बम के जयकारे रहे हैं। मंगलवार को भी विभिन्न क्षेत्रों में गाजे-बाजे के साथ कावड़ यात्रा निकालना शुरू हो गई हैं। फुहारों के बीच कावडि़ए पुष्कर सरोवर (pushkar lake) का जल लेकर पहुंच रहे हैं। मंदिरों में दिनभर मंत्र के साथ सहस्रधारा रुद्राभिषेक, जलाभिषेक और पूजन अर्चना (traditional worship) का दौर चलेगा।
शहर के झरनेश्वर, कोटेश्वर महादेव मंदिर, शांतिपुरा, मदार गेट, रामगंज, केसरगंज, बिहारी गंज, नया बाजार, आंतेड़, आगरा गेट, वैशाली नगर, कोटड़ा, आदर्श नगर और अन्य शिवालयों में लोगों (devotees) ने बिल्व पत्र, पुष्प, हल्दी-चंदन, दूब, दूध और अन्य सामग्री से पूजा-अर्चना (shiv pujan) की। कई जगह मंत्रो और रुद्रिपाठ के साथ जलाभिषेक, रुद्राभिषेक हुआ। इसके अलावा कई महिलाओं और पुरुषों ने व्रत-उपवास (tradtional fast) रखा है।
कावड़ यात्रा का स्वागत
कभी तेज तो कभी रिमझिम बारिश (rain shavers) के बीच कावडि़ए गाजे-बाजे (music) के साथ पुष्कर सरोवर और अन्य जलाशयों (water bodies) से जल लेकर निकले। उन्होंने विभिन्न शिवालयों में अभिषेक किया। कावड़ यात्रा का शहरवासी जगह-जगह गुलाब के फूल (rose petals) बरसा कर स्वागत करेंगे। इसको लेकर लोगों में उत्साह भी बना हुआ है।
तीसरा वन सोमवार 5 को
परम्परानुसार सावन का दूसरा वन सोमवार (special monday) 29 जुलाई को मनाया गया। धार्मिक मान्यता के अनुसार व्रत रखने वाली महिलाओं-बालिकाओं ने सुभाष उद्यान अथवा अन्य स्थानों पर जाकर भोजन किया। सावन माह में अब 5 और 12 अगस्त को वन सोमवार आएंगे।
शिव पूजन की महत्ता
सावन में भगवान भोलेनाथ की पूजन की महत्ता है। पौराणिक मान्यता के अनुसार भोलेनाथ इस दौरान पूजा-अर्चना से प्रसन्न रहते हैं। यह अच्छी बरसात होने का परिचायक भी है। सावन में भोलेनाथ की भक्ति करने वालों को सदैव सकारात्मक प्रतिफल मिलते हैं। व्रत-उपवास रखने से पुण्य की प्राप्ति होती है।
Published on:
30 Jul 2019 07:14 am
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