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‘बेटा, प्लेन से भी ज्यादा किराया है इस बस का, सुबह जयपुर पहुंच जाऊंगा

सड़क हादसे में मृत जयपुर निवासी योगेंद्र के परिजन का रो-रोकर हुआ बुरा हाल  

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'बेटा, प्लेन से भी ज्यादा किराया है इस बस का, सुबह जयपुर पहुंच जाऊंगा

'बेटा, प्लेन से भी ज्यादा किराया है इस बस का, सुबह जयपुर पहुंच जाऊंगा

अजमेर. पालरा-बड़ल्या के पास नेशनल हाइवे पर रविवार सुबह टायर फटने पर खाई में पलटने पर दुर्घटनाग्रस्त हुई निजी स्लीपर कोच बस में गुजरात से सवार होने से पहले जयपुर निवासी योगेंद्र ने शनिवार रात 8 बजे अपने बेटे को फोन किया था। उन्होंने कहा था कि बेटा मैं रवाना हो रहा हूं। जो अभी डीलक्स बस मिली है उसका किराया प्लेन (हवाई जहाज) से भी ज्यादा है। मैं सुबह तक जयपुर पहुंच जाऊंगा, चिंता मत करना। मगर, सुबह जो सूचना मिली तो परिजन की पैरों तले जमीन खिसक गई। बस के पलटने एवं दुर्घटना की सूचना पर वे अजमेर पहुंचे। हर एक घायल को देखते-देखते गुजरे तो दर्द और आंसुओं की धार बढ़ती गई। अब उनके पास देखने को सिर्फ मोर्चरी ही बची थी। यहां पहुंचते-पहुंचते बेटा अपने चाचा की सीने से लग फफक पड़ा। विधाता का वज्रपात सहने की हिम्मत टूट गई, चाचा खुद हिम्मत हार चुके थे।
सड़क दुर्घटना में जयपुर निवासी योगेंद्र की मौत के बाद जवाहर लाल नेहरू अस्पताल की मोर्चरी में शव को रखवाया गया। सुबह जयपुर में सूचना मिलने पर मृतक के छोटे भाई के साथ योगेंद्र का छोटा बेटा भी अजमेर पहुंचा। वह अपने पिता का शव देखने की हिम्मत नहीं जुटा पाया। हादसे में चेहरा इतना जख्मी हो गया कि उनकी पहचान करना भी मुश्किल हो गया। परिजन ने भी उनके हाथ में पहनी अंगूठी के आधार पर पहचान की। इससे पहले अजमेर में ही रहने वाले एक परिजन ने तो मोबाइल पर फोटो से शव की पहचान करने का प्रयास किया। परिजन के अनुसार योगेंद्र सोलर कंपनी में कार्यरत थे। उनका अधिकांश समय बाहर आना-जाना लगा रहता था।

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झूठ बोलते फूटी रुलाई

मृतक योगेंद्र के भाई की आंखों से लगातार आंसू झरते रहे। मृतक की पत्नी, बड़े बेटे सबके फोन पर यही कहा कि उन्हें जयपुर रैफर किया है, हम जयपुर ही आ रहे हैं...। हालांकि यह बताते हुए वे अपनी रुलाई भी नहीं रोक पाए..। अपने साथ खड़े मृतक के छोटे बेटे के कंधों पर सिर रखकर भाई की मौत और अपनों से बोले जा रहे झूठ की विवशता पर खुद फूट फूट कर रो पड़े। छोटे बेटे के लफ्ज यही थे कि बस का ड्राइवर शायद नया था।