मदस विश्वविद्यालय में 2012-13 से लगातार हार रही विद्यार्थी परिषद ने ऐनमौके पर लोकेश गोदारा पर दांव खेला। यह बिल्कुल सही साबित हुआ। उधर निर्दलीय प्रत्याशी पंकज रुलानिया ने अभाविप से बगावत कर ताल ठोकी। उनकी तीन साल की सक्रियता, विद्यार्थी परिषद के पुराने कार्यकर्ताओं की मेहनत विफल रही। यहां उपाध्यक्ष पद शिवनेश, महासचिव पद पर राहुल राजपुरोहित और संयुक्त सचिव पद पर निहारिका उपाध्याय ने कब्जा जमाया। एनएसयूआई के हेमंत तनवानी महज 24 वोट हासिल कर पाए। यही हाल सम्राट पृथ्वीराज चौहान राजकीय महाविद्यालय में हुआ। यहां जाट मतदाताओं के बूते एनएसयूआई ने राजपाल जाखड़ को टिकट दिया।
जीसीए के पुराने छात्रनेताओं और पूर्व छात्रों की मानें तो अब्दुल फरहान खान पहले मुस्लिम प्रत्याशी हैं, जो अध्यक्ष बने हैं। भाजपा नेता अब्दुल वहीद खान ने बताया कि 1970 के बाद से हुए छात्रसंघ चुनाव में विभिन्न जातियों के प्रत्याशी जीतते रहे हैं। इनमें अल्पसंख्यक वर्ग से चुनाव जीतने वाले अब्दुल फरहान एकमात्र प्रत्याशी हैं। उधर चुनाव जीतने के बाद स्वामी कॉम्पलेक्स पर मुस्लिम समुदाय ने पटाखे चलाकर और मिठाई बांटकर खुशी जाहिर की।