
ajmer discom vigilance
अजमेर.कोरोना वायरस corona virus के कारण लागू हुए लॉक डाउन से विद्युत electricity आपूर्तिSupply पर असर पड़ सकता है। इसका कारण यह है कि गर्मियों से पूर्व ही अजमेर विद्युत वितरण निगम ajmer discom 33/11 केवी जीएसएस gss लेकर गली मोहल्लों तक के ट्रांसफार्मर की मंटीनेंस करता है जिससे गर्मी में बिजली की मांग बढऩे पर दबाव झेला जा सके। लेकिन निगम के पास टांसफार्मर आयल oil ,नए ट्रांसफार्मर,केबलcable ,टावर towr , खंभों poles की कमी होने से मंटीनेंस वर्क शुरु नहीं हो पा रहा है। फिलहाल निगम के बफर स्टॉक से काम चल जा रहा है। निगम की पदार्थ प्रबन्ध (एमएम) विंग के करीब 60-70 करोड़ रुपए के टेंडर अटक गए हैं। फैक्टरियां बंद होने से सप्लायर अपनी सप्लाई नहीं दे पा रहे हैं। निगम ने अब इनके टेंडरों की तारीखें आगे बढ़ाई है। निगम की टर्नकी विंग (टीडब्ल्यू) के कार्यो की तारीखें भी बढ़ाई गई है। निगम के तहत अजमेर सिटी ग्रामीण सर्किल,नागौर,भीलवाड़ा,सीकर, झुंझुनू,उदयपुर,राजसमन्द, प्रतापगढ़, डूंगरपुर, बांसवाड़ा, चित्तौडगढ़़ जिलों की बिजली व्यवस्था संचालन किया जाता है।
सैकड़ों ठेकेदार भी झेल रहे परेशानी
अजमेर विद्युत वितरण निगम में ठेकेदारी कर रहे सैकड़ों ठेकेदारों के लाइसेंस की अवधि समाप्त हो गई। लॉक डाउन के कारण नए लाइसेंस जारी नहीं हो पा रहे हैं तथा पुराने लाइसेंस का रिन्यूवल भी नहीं हो पा रहा है। इन ठेकेदारों यहां काम कर रहे हजारों मजूदरों की रोजी रोटी पर भी संकट खड़ा हो गया है। ठेकेदारों द्वारा टेंडर भी नहीं भरे जा रहे हैं इससे निगम के भी सभी काम अटक गए हैं। यहां विद्युत तंत्र की मेंटीनेंस,उपभोक्ता सेवाएं सहित अन्य कार्य विभिन्न श्रेणी के ठेकेदारों के जरिए ही होते हैं। प्रतिवर्ष दिसम्बर में लेबर रेट कॉन्ट्रेक्ट (एलआरसी) निकाला जाता है इसे मार्च में खोला जाता है, नई दरें 1 अप्रेल से लागू होती हैं लेकिन लॉक डाउन के कारण इस वर्ष टेंडर नहीं खोला जा सका। जीएसएस के ऑपरेशन मेंटीनेंस के टेंडर भी नहीं खुल सके। 33 केवी जीएसएस के काम रूके हुए हैं। आईपीडीएस के काम भी बंद हो गए हैं। कई सडक़ों के काम पूरे हो गए है लेकिन इसे लॉक डाउन के कारण फ्रैंचायजी को हैंडओवर नहीं किया जा सका।
Published on:
13 Apr 2020 06:04 am
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