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अजमेर के सेवन वंडर पार्क को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने सुनाया बड़ा फैसला, आनासागर झील की भी सुधरेगी दशा; जानें कैसे?

Ajmer Seven Wonder Park: अजमेर जिले की ऐतिहासिक आनासागर झील के संरक्षण को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने बड़ा फैसला सुनाया है।

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Ajmer Seven Wonder Park

Ajmer Seven Wonder Park: अजमेर जिले की ऐतिहासिक आनासागर झील के संरक्षण को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने बड़ा फैसला सुनाया है। कोर्ट ने प्रदेश सरकार को झील के चारों ओर बने सेवन वंडर संरचनाओं को स्थानांतरित करने या ध्वस्त करने के लिए छह महीने का समय दिया है। साथ ही झील के आसपास के फूड कोर्ट को हटाने और वेटलैंड घोषित करने की प्रक्रिया को भी तेजी से आगे बढ़ाने का निर्देश दिया गया है।

आगे की सुनवाई 7 अप्रैल 2025 को

सुप्रीम कोर्ट ने आनासागर झील के आसपास बने गांधी स्मृति उद्यान, पटेल स्टेडियम और आजाद पार्क से जुड़े अन्य मुद्दों पर अगली सुनवाई 7 अप्रैल 2025 को तय की है। इसके साथ ही कोर्ट ने राजस्थान सरकार से पूछा है कि क्या अजमेर में अतिरिक्त वेटलैंड बनाए जा सकते हैं।

सरकार को 6 महीने में करनी होगी कार्रवाई

इस फैसले के बाद, राजस्थान सरकार को अब छह महीने के भीतर सेवन वंडर संरचनाओं को स्थानांतरित करने या हटाने की प्रक्रिया पूरी करनी होगी। यह फैसला प्रदेश में पर्यावरणीय संरक्षण और ऐतिहासिक झीलों के संरक्षण की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है।

मुख्य सचिव के हलफनामे पर सहमति

सुप्रीम कोर्ट में इस मामले की सुनवाई न्यायमूर्ति अभय एस. ओका और न्यायमूर्ति उज्ज्वल भुइयां की पीठ ने की। इस दौरान राजस्थान के मुख्य सचिव सुधांश पंत वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए उपस्थित हुए और राज्य सरकार द्वारा उठाए गए पर्यावरणीय संरक्षण के कदमों की जानकारी दी। सुप्रीम कोर्ट ने राज्य सरकार के हलफनामे को स्वीकार करते हुए आवश्यक कार्यवाही के लिए छह महीने का समय दिया।

अवैध निर्माण हटाने की प्रक्रिया जारी

राजस्थान सरकार ने सुप्रीम कोर्ट को बताया कि लवकुश उद्यान में स्थित फूड कोर्ट को पहले ही ध्वस्त कर दिया गया है और सेवन वंडर पार्क के अंदर बनी कई संरचनाओं को हटाया जा चुका है। इसके अलावा, सरकार ने बाकी संरचनाओं को स्थानांतरित करने या पुनर्निर्माण की अनुमति मांगी है, ताकि झील के पारिस्थितिकी तंत्र को नुकसान न पहुंचे।

झील को वेटलैंड घोषित करने की तैयारी

बताते चलें कि भजनलाल सरकार ने आनासागर झील को वेटलैंड घोषित करने की प्रक्रिया शुरू कर दी है। यह कार्य वेटलैंड (संरक्षण और प्रबंधन) नियम, 2017 के तहत किया जाएगा। इसके लिए एक उच्च स्तरीय समिति का गठन किया गया है, जो अगले छह महीने में विस्तृत अधिसूचना जारी करेगी।

पर्यावरण संरक्षण के लिए सरकार के प्रयास

आपको बता दें, गांधी स्मृति उद्यान में हरित क्षेत्र के अंदर बनी पगडंडी को हटाकर हरित लॉन में तब्दील किया जाएगा, जिससे जैव विविधता को बढ़ावा मिलेगा। यह कार्य दो महीने में पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है। वहीं, पटेल स्टेडियम में इंडोर स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स को यथावत रखा जाएगा। अदालत ने इंडोर स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स को बनाए रखने की अनुमति दी है, क्योंकि यह स्वास्थ्य और फिटनेस को बढ़ावा देता है।

इसके अलावा झील की जल गुणवत्ता सुधारने के लिए वैज्ञानिक उपाय किए जाएंगे। 4 एयरेटर्स और 8 फव्वारे लगाए गए हैं, ताकि जल की गुणवत्ता बनी रहे। इसके लिए नेशनल एनवायर्नमेंटल इंजीनियरिंग रिसर्च इंस्टीट्यूट (NEERI) से तकनीकी सहायता ली गई है। साथ ही प्रवासी पक्षियों और पारिस्थितिकी संरक्षण के लिए MNIT, जयपुर की एक टीम को अतिरिक्त संरक्षण उपायों की सिफारिश करने के लिए नियुक्त किया गया है।

उल्लेखनीय है कि हालिया रिपोर्टों के अनुसार, प्रवासी पक्षियों की संख्या में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है, जिससे पारिस्थितिकी संतुलन मजबूत हो रहा है।

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ये है आनासागर झील का पूरा मामला

दरअसल, राष्ट्रीय हरित अधिकरण (NGT) ने 11 अगस्त 2023 को आनासागर झील और उसके आसपास अवैध निर्माणों को हटाने का आदेश दिया था। इसे वेटलैंड (संरक्षण और प्रबंधन) नियम, 2017 और राजस्थान झील संरक्षण अधिनियम, 2015 का उल्लंघन माना गया था।

हालांकि, राजस्थान सरकार ने इस आदेश को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी और स्मार्ट सिटी मिशन के तहत निर्मित संरचनाओं को सार्वजनिक उपयोगिता के लिए आवश्यक बताया था। लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने पर्यावरण संरक्षण को सर्वोच्च प्राथमिकता देते हुए निर्माणों को स्थानांतरित करने या हटाने के निर्देश दिए।

यहां देखें वीडियो-