पत्रिका टीम रविवार को दरगाह बाजार पहुंची तो आस.पास के होटल-गेस्ट हाउसों में ठहरने जायरीन बच्चों के साथ खिड़की के पास आ गए। अपनी पीड़ा सुनाते हुए महिलाओं की आंखें भर आई। आंसू पौंछते हुए वे बोली ‘एक महीने से यहां फंसे हुए हैं, हमारे पास पैसे भी नहीं बचे, रमजान का महीना चल रहा है, बच्चों का रो-रो कर बुरा हाल है, कैसे भी करके हमारी पीड़ा प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी तक पहुंचा दो, अब हमें जल्दी से हमारे घर भिजवा दो। यह वे लोग हैं जो लॉकडाउन से पहले यहां ख्वाजा साहब की दरगाह जियारत के लिए आए और फिर यहीं फंस कर रह गए।
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मां के अंतिम दर्शन से महरूम रह गए जायरीन कहां से कितने लोग उत्तर.प्रदेश . 804, बिहार . 459, पश्चिम बंगाल .1000, महाराष्ट्र . 357, आंध्रप्रदेश . 743, कर्नाटक .396, गुजरात .119, दिल्ली . 31, झारखंड .171, मध्यप्रदेश .65, अन्य . 214 : कुल – 4359
जायरीन को उनके घरों तक पहुंचाएं सरकार अजमेर. कोटा से विद्यार्थी अपने घरों तक पहुंचने लगे हैं, श्रमिकों को भी उनके गृह राज्यों तक पहुंचाए जाने के इंतजाम किए जा रहे हैं, ऐसे में उम्मीद जगी है कि अजमेर के दरगाह क्षेत्र में फंसे हजारों जायरीन को भी उनके घर पहुंचाए जाने का रास्ता निकलेगा। दरगाह से जुड़ी संस्थाओं के पदाधिकारियों ने भी सरकार से यही मांग की है।
— कोटा के विद्यार्थियों और श्रमिकों को भेजने की व्यवस्था की जा रही है, उसी तरह यहां फंसे जायरीन को भी उनके घर भेजे जाने की व्यवस्था की जानी चाहिए। अंजुमन और दरगाह कमेटी की तरफ से सभी जायरीन के लिए सूखी राशन सामग्री वितरण किए जाने की व्यवस्था की जा रही है ताकि रमजान में किसी को कोई परेशानी नहीं हो।
-वाहिद हुसैन अंगारा शाह, सचिव अंजुमन सैयदजादगान रमजान का महीना है और यहां फंसे जायरीन बहुत परेशान हैं। राज्य सरकार से निवेदन है कि जिस तरीके से कोटा के विद्यार्थियों और श्रमिकों को उनके घर पहुंचाया जा रहा है, वैसे ही अजमेर में फंसे जायरीन को भी जल्द से जल्द उनके घरों तक पहुंचाने के इंतजाम किए जाए।
-अमीन पठान, अध्यक्ष दरगाह कमेटी यहां फंसे जायरीन काफी परेशान हो रहे हैं। इस संबंध में केंद्रीय अल्पसंख्यक मामलात मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी को पत्र लिखा गया है। इसमें बताया गया है कि इनके खाने-दवा आदि का इंतजाम खादिम कर रहे हैं। प्रशासन और दरगाह कमेटी का कोई योगदान नहीं है। एक ही कमरे में दस-बारह लोग रहे हैं। ऐसे में उन्हें जल्द से जल्द उनके घर भिजवाया जाए ताकि सोशल डिस्टेंसिंग की पालना हो सके। तब तक दरगाह के अधीन गेस्ट हाउस में इनके ठहराने और खाने का इंतजाम किया जाए।
-सैयद इकबाल चिश्ती, पूर्व उपाध्यक्ष अंजुमन गरीब नवाज सूफी मिशन सोसायटी की ओर से मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को पत्र लिखा गया। इसमें कहा गया था कि जिस तरह कोटा के विद्यार्थियों को उनके राज्यों में पहुंचाया जा रहा है, वैसे ही यहां फंसे जायरीन को भी उनके घर भिजवाने की व्यवस्था की जाए। सरकार ने इस पर गौर भी किया है। उम्मीद है जल्द ही जायरीन की घर वापसी होगी।
-जुल्फिकार चिश्ती, अध्यक्ष गरीब नवाज सूफी मिशन सोसायटी