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बीएसयूपी आवासों के लिए नहीं ढूंढ पा रहे पात्र आवेदक

बीएसयूपी आवासों का निर्माण जल्द करे सरकार: भदेल

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ajmer

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अजमेर. पिछले 10 सालों से अधूरे चल रहे भगवानगंज, बीएसयूपी क्वार्टर निर्माण का मामला विधानसभा में गूंजा है। अजमेर दक्षिण विधायक अनिता भदेल ने सोमवार को विधानसभा में स्थगन प्रस्ताव नियम 50 के तहत् भगवानगंज, बीएसयूपी क्वार्टर निर्माण में हो रही देरी को लेकर सदन में मुद्दा उठाया। विधायक भदेल ने सदन में कहा कि अजमेर विकास प्राधिकरण की उदासीनता के चलते आम आदमी से जुडी योजनाओ का क्या हाल होता हैं इसकी मिसाल एक दशक से भी पुरानी शहरी गरीबो के लिए मूलभूत सेवा योजना बीएसयूपी है।
शहरी गरीबो के लिए 21 मार्च 2007 को बीएसयूपी योजना स्वीकृत हुई जिसके तहत् केन्द्र सरकार ने 64.45 करोड स्वीकृत किए थे। परियोजना के तहत् केन्द्र सरकार से अब तक 50 करोड रुपए भी प्राप्त हुए है। उनमें से राज्य सरकार ने 46 करोड 3 लाख रुपए खर्चे कर भगवानगंज में 224 मकान बनाए गए, लेकिन यह अधूरे है। इन आवासों का आवंटन किया जाना शेष है।
आवेदक लगा रहे चक्कर

विधायक भदेल ने कहा कि आवेदक आवंटन के लिए प्राधिकरण के लगातार चक्कर लगा रहे है। भगवानगंज में गरीबो के लिए 224 आवासो का निर्माण शुरु हुए 10 साल से अधिक समय बीत गया पर प्राधिकरण द्वारा अभी तक भी इन आवासो का निर्माण कार्य पूरा कर गरीबो को आवंटित नही किया जा सका।
आवास हो रहे जर्जर
जिन पात्र परिवार को आवास देने थे उन पात्र परिवार को अभी तक आवास नही मिल पाए है ओर उस वजह से जितना काम किया था खिडकी, नल, दरवाजे सारी चीजे असामाजिक तत्व निकाल कर ले गए जो 46 करोड रुपए इस योजना में क्वार्टर बनाने में खर्चे किया गया अब वह आवास पूर्ण रुप से जर्जर हो चुके है।
नहीं ढूंढ पा रहे पात्र आवेदक
विधायकभदेल ने कहा कि 101 पात्र परिवारो द्वारा आवेदन करने पर उनके द्वारा 12 हजार रुपए की राशि जमा कराने पर भी सभी 101 पात्र परिवारो को आवास आवंटित नही हो पाए हेै। प्राधिकरण द्वारा 123 चयनित परिवार को नही ढूंढा जा सका गया है। उन्होने कहां कि 101 पात्र परिवार जो मिल गए है उनको भी प्राधिकरण आवास नही दे सका। इससे केन्द्र व राज्य सरकार का जो 46 करोड रुपया खर्च हुआ है उस राशि का उपयोग नही हो पा रहा है। भदेल ने कहां कि पात्र परिवारो को शीघ्र आवास आवंटन कराने के साथ ही शेष 123 आवास बने हुए उन पर भी शीघ्र कार्यवाही की जाए।
राजस्थान पत्रिका ने प्रमुखता से उठाया मामला
शहरी गरीबों के आवास निर्माण में देरी का मामला मामला राजस्थान पत्रिका ने प्रमुखता से उठाया है। ठेकेदारी की मनमानी तथा अफसरों की ठिलाई भी खबरों के जरिए उजागर की गई। हाल ही प्राधिकरण ने इन आवासों को स्वंय के स्तर पर निर्माण का निर्णय लिया है।