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Urge: प्लीज रहने दीजिए ‘गवर्नमेंट ’ शब्द, वरना हमें होगा नुकसान…

मंत्री ने आईआईटी, एनआईटी, आईआईएम संस्थाओं का उदाहरण देते हुए इसे अदालत का आदेश बताया।

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engineering college ajmer

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अजमेर.

सर प्लीज...आप हमारे कॉलेज के आगे ‘ गर्वनमेंट’ (government) शब्द रहने दीजिए। इसे हटाया गया तो हमारी डिग्री को ज्यादा तवज्जो नहीं मिलेगी...कुछ इस अंदाज में इंजीनियरिंग कॉलेज (engineering college) के विद्यार्थियों ने तकनीकी शिक्षा राज्यमंत्री डॉ. सुभाष गर्ग को ज्ञापन दिया।

छात्र सौरभ प्रजापति और अन्य ने बताया कि तकनीकी शिक्षा विभाग ने सभी इंजीनियरिंग कॉलेज के नाम से राजकीय (government) शब्द हटाने का फैसला किया है। हमने राजकीय कॉलेज होने के चलते यहां प्रवेश लिए हैं। राजकीय शब्द हटाने से बी.टेक/एम.टेक डिग्री (technical degree) को देश-विदेश में तवज्जो नहीं मिलेगी। कई विद्यार्थी द्वितीय, तृतीय और चतुर्थ वर्ष में अध्ययनरत हैं। ऐसे में इसे मौजूदा सत्र के बजाय अगले सत्र (next session) से लागू किया जाना चाहिए। इस पर मंत्री ने आईआईटी, एनआईटी, आईआईएम संस्थाओं का उदाहरण देते हुए इसे अदालत का आदेश बताया।

डॉ. गर्ग ने कहा कि विद्यार्थियों के लिए रोजगारोन्मुखी कोर्स (job oriented course) जरूरी हैं। इसके लिए औद्योगिक इकाईयों, वाणिज्य-व्यापारिक संस्थानों से बातचीत जारी है। अब इंजीनियरिंग और पॉलीटेक्निक कॉलेज के कोर्स औद्योगिक और कौशल आधारित बनेंगे। इससे विद्यार्थियों की दक्षता बढ़ेगी और औद्योगिक-वाणिज्यिक संस्थानों को भी प्लेसमेंट में आसानी होगी।

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आईआईटी में कहां है राजकीय शब्द
इंजीनियरिंग कॉलेज से राजकीय शब्द हटाने के सवाल पर डॉ. गर्ग ने कहा कि आईआईटी, आईआईएम, ट्रिपल आईआईटी, एनआईटी जैसे संस्थानों में भी ‘राजकीय’ शब्द नहीं है। सहकारी संस्थाएं भी स्वायत्तशासी हैं। इंजीनियरिंग कॉलेज सोसायटी (society act)के तहत संचालित हैं। राजकीय शब्द हटाने या लगाने से किसी डिग्री, डिप्लोमा अथवा संस्था (institutes) के स्तर पर फर्क नहीं पड़ेगा।

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ना बैठक ना कामकाज
तकनीकी संस्थानों में सुस्त कामकाज के सवाल पर उन्होंने कहा कि सेंटर फॉर ई-गवर्नेंस में बीते पांच साल काम ठप रहा। बोर्ड ऑफ गवर्नर्स (BOG meet) की बैठक भी नियमित नहीं हुई। मैंने मंत्रालय संभालने के बाद पांच बैठक की हैं। इस साल विद्यार्थियों के प्लेसमेंट (placement) और संस्थानों में (institutes) प्रवेश बढ़े हैं। इंजीनियरिंग और पॉलीटेक्निक कॉलेज में शिक्षकों के पद भरे जाएंगे। आरपीएससी को हम जल्द अभ्यर्थना भेजेंगे। तकनीकी संस्थाओं में विद्यार्थी स्नातक-स्नातकोत्तर पढ़ाई के अलावा दक्षता हासिल कर यही सरकार का लक्ष्य है।

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