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पेट्रोल पम्प की तरह ही खोले जाएंगे वाहन चार्जिंग स्टेशन

इलेक्ट्रिक वाहन किए जा सकेगें चार्ज अजमेर डिस्कॉम ने शुरु की तैयारी नोडल अफसर नियुक्त

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Vehicle Charging Station will be opened just like petrol pumps

अजमेर डिस्कॉम

भूपेन्द्र सिंह अजमेर. पेट्रोल पम्प (petrol pump) की तरह जल्द ही अब शहर की सडक़ों तथा हाइवे के किनारे इलेक्ट्रिक व्हीकल चार्जिग स्टेशन भी खुलते नजर आएंगे। रा’य स्तर पर इसकी तैयारी शुरु हो गई है। पर्यावरण सुरक्षा तथा ग्रीन एनर्जी को बढ़ावा देने इलेक्ट्रिक वाहनों ( electric vehicle )के संचालन को बढ़ावा देने के उद्देश्य से बिजली कम्पनियों को वाहन चार्जिग सेंटर( vehicle-charging-station) खुलवाने के निर्देश जारी कर दिए गए हैं। रा’य स्तर पर जयपुर डिस्कॉम को इसके लिए नोडल एजेंसी बनाया गया है। अजमेर डिस्कॉम व जोधपुर डिस्कॉम कम्पनियों ने भी अपने यहां इसके लिए नोडल ऑफिसर नियुक्त कर दिए हैं। अजमेर डिस्कॉम में एसई (कॉमर्शिलय) को इसका नोडल ऑफिसर बनाया गया है। इनकी जिम्मेदारी इलेक्ट्रिक व्हीकल ( electric vehicle )चार्जिग ( vehicle-charging-station) इन्फ्रास्ट्रक्चर तैयार करवाने की होगी।

एक साल पहले से चल रही है तैयारी

कन्द्र सरकार ने पिछले साल ही ‘चार्जिग इंस्ट्रक्शन फॉर इलेक्ट्रिक व्हीकल-गाइडलाइन्स एंड स्टैंडर्डस’ जारी कर दिए थे। ऊर्जा विभाग ने इस वर्ष अपे्रल माह में इसके लिए जयपुर डिस्कॉम को रा’य में नोडल एजेंसी बनाया गया है।

कनेक्शन के लिए करना होगा आवेदन

इलेक्ट्रिक व्हीकल चार्जिग स्टेशन खोलने ( vehicle-charging-station) के लिए निगम को कनेक्शन के लिए आवेदन करना होगा। आवेदनक को घरेलू कनेक्शन जारी किया जाएगा। इसके लिए खुद या किराए की भूमि होना आवश्यक है। भूमि किराए की होने की स्थिति में भू स्वामी की सहमति आवश्यक है। इलेक्ट्रिक व्हीकल चार्जिग सेंटर पर चार-पांच वाहन एक साथ चार्ज किए जा सकेंगे,वाहन पार्किग जरूरी होगी। फास्ट चार्जिग, स्लो चार्जिग, बैट्री एक्सचेंज आदि की व्यवस्था भी करनी होगी।

अभी तक बिजली नहीं बेचने का था नियम

विद्युत नियमों के तहत विद्युत कनेक्शन धारक बिजली को न तो बेच सकता है और न ही उधार ही दे सकता है। नियमों के तहत यह अपराध व विद्युत दुरुपयोग की श्रेणी में आता है। विद्युत निगम एेसे मामलों में कार्रवाई करता है।

सडक़ों पर इलेक्ट्रिक वाहनों की भरमार

पूर्व में सडक़ों पर ई-बाइक आई लेकिन यह अधिक सफल नहीं हो सकी। वहीं अब सडक़ों ई-रिक्शा की भरमार हो गई है। बड़े शहरों में प्रदूषण रोकने के लिए बैट्री बसें,ऑटो रिक्शा सहित अन्य वाहन संचालित हो रहे हैं। पेट्रोलियम पदार्थों के सीमित होने के कारण इलक्ट्रिक वाहनों ( electric vehicle ) का संचालन बढ़ेगा। भविष में वाणि’ियक वाहन भी बैट्री से संचालित होंगे।

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