श्रीराम ने छोड़ा अग्निबाण, दो मिनट में छूटे दम्भी रावण के प्राण
दशहरा महोत्सव :ravan dahan पटेल मैदान में उमड़े शहरवासी, आतिशबाजी से जगमगाया आसमान, कई जगह हुए रावण दहन
अजमेर. भगवान श्रीराम का अग्निबाण जैसे ही दशानन की नाभि में लगा उसके प्राण छूट गए। दम्भी रावण का घमंड महज दो मिनट में आग में जलकर खाक हो गया। भगवान श्रीराम और सीता मैया के जयकारों से बुधवार को समूचा पटेल मैदान गूंज उठा। हजारों लोग विजयदशमी पर्व के साक्षी बने। कोरोना संक्रमण के दो साल बाद आयोजित दशहरा महोत्सव में शहरवासियों ने अपार उल्लास के साथ हिस्सा लिया।
विजयदशमी पर्व पर 65 फीट ऊंचा रावण का पुतला धू-धू कर जल उठा। पटेल मैदान में बच्चों, महिलाओं, पुरुषों ने तालियां बजाकर और जयकारे लगाते हुए बुराई पर अच्छाई की जीत की खुशी मनाई गई। इससे पहले रावण के भाई कुंभकर्ण और पुत्र मेघनाद के 45-45 फीट के पुतले भी एक-एक मिनट में जलकर राख में तब्दील हो गए।
पुतले फूंकने की टाइम लाइन
शाम 6.59 बजे : कुंभकर्ण का फूंका पुतला, 7.00 बजे जलकर खाक
शाम 7.05 बजे : मेघनाद का फूंका पुतला, 7.07 बजे जलकर खाक
शाम 7.15 बजे : रावण का फूंका पुतला, 7.17 पर जलकर खाक
पुतलों ने दिखाए करतब
– दशानन, कुंभकर्ण, मेघनाद के मुंह से निकले आग के गोले
– रावण के पुतले में फूटे 200 बम, 100 रॉकेट बम
– रावण ने झपकाई दोनों पलकें, आंखों में जली लाइट
– तलवार घुमाने के साथ चलाई ढाल
– एक-एक कर उड़े रावण के दस सिर
– पुतलों ने पहनी शेरवानी, जूते और मुकुट
श्रीराम-रावण का प्रतीकात्मक युद्ध
ऊबड़-खाबड़ मैदान में श्रीराम और रावण का प्रतीकात्मक युद्ध हुआ। अंधेरा होने तथा मैदान की स्थिति ठीक नहीं होने से आयोजक भगवान राम और रावण को संभालते नजर आए।
जलाई सोने की लंका
मैदान में शाम 6.50 बजे हनुमानजी घास-फूस से बनी सोने की लंका पर पहुंचे। उन्होंने गदा उठाकर तीन चक्कर लगाने के बाद सीताजी के पैर छूकर आशीर्वाद लिया। इसके बाद हनुमानजी ने फुलझड़ी से रावण की सोने की लंका को जलाकर खाक किया। इस दौरान पुलिसकर्मी लोगों को दूर रहने की हिदायत देते रहे, पर लोग डटे रहे।
गाजे-बाजे संग निकली रघुनाथ की सवारी
उतार घसेटी रघुनाथ मंदिर से शाम 5 बजे गाजे-बाजे संग भगवान राम की सवारी निकाली गई। काली मैया का अखाड़ा तलवार से करतब दिखाता चला। सवारी शाम 6.33 बजे पटेल मैदान पहुंची। उप महापौर नीरज जैन ने तलवार चलाई। महापौर ब्रजलता हाड़ा, विधायक वासुदेव देवनानी, भाजपा शहर जिलाध्यक्ष डॉ. प्रियशील हाड़ा, प्रदेश कांग्रेस सदस्य महेंद्र सिंह रलावता, नगर निगम आयुक्त सुशील कुमार और अन्य ने सवारी का स्वागत किया।
पुलिस के कड़े बंदोबस्त
दो साल बाद हुए दशहरा महोत्सव के चलते पटेल मैदान में करीब 12 से 15 हजार शहरवासी उमड़े। पुलिस के कड़े बंदोबस्त रहे। पुलिस ने पटेल मैदान में लकड़ी की बल्लियों- बेरिकेडिंग के आगे लोगों को नहीं जाने दिया। अग्रवाल स्कूल के सामने, जयपुर रोड स्थित द्वार पर पुलिसकर्मी लोगों को धीरे-धीरे निकलने की हिदायत देते दिखे। पुतलों के दहन के दौरान फायर ब्रिगेड खड़ी रही। फायरकर्मियों के अलावा होमगार्ड, एसडीआरएफ टीम भी मौजूद रही।
मैदान में लगाई दो एलईडी
दर्शकों-लोगों की सुविधार्थ मैदान में दो एलईडी भी लगाई गईं। मैदान में शाम 5 बजे से ही लोग पहुंचना शुरू हो गए। दो साल बाद मैदान दशहरा पर्व का साक्षी बना। दशहरा उत्सव को लेकर बच्चों, युवाओं, महिलाओं में उत्साह नजर आया।
गूंजे ढोल-कच्छी घोड़ी नृत्य
लोक कलाकारों ने कच्छी घोड़ी नृत्य पेश किया। ढोल-ढमाकों पर विधायक देवनानी विक्ट्री साइन दिखाते हुए थिरकते नजर आए। बैंड ने रामजी की निकली सवारी.., कभी राम बनके.., सीताराम-सीताराम..धुनें बजाई।
कार्यक्रम से दूर रहे नेता !
विजयदशमी कार्यक्रम में विधायक अनिता भदेल, पूर्व महापौर धर्मेन्द्र गहलोत, सुरेंद्र शेखावत, पूर्व विधायक डाॅ. श्रीगोपाल बाहेती, डाॅ. राजकुमार जयपाल, पीसीसी उपाध्यक्ष नसीम अख्तर, हेमंत भाटी, पूर्व शहर कांग्रेस अध्यक्ष विजय जैन सहित कई नेता नहीं पहुंचे। नेताओं की दूरी खासी चर्चाओं में रही। निर्वाचित और मनोनीत पार्षद तथा अधिकारी अपने परिवार संग मौजूद रहे।
झलकियां…
– श्रीराम के कुंभकर्ण को तीर मारने से पहले ही पुतले में आग लगा दी। इसके चलते श्रीराम ने तीर चलाने की औपचारिकता निभाई।
– मेघनाद का पुतला फूंकने के लिए पहुंचे श्रीराम के तीर खत्म हो गए। एक नौजवान तीर लेने गया तो आयोजकों ने दो तीर देकर कहा…और ज्यादा नहीं हैं।
– आईजी रूपिंदर सिंघ भी दशहरा पर्व में पहुंचे। उन्होंने श्रीरामजी के धनुष से रावण के पुतले पर दो तीर चलाए। रघुनाथजी की आरती भी की।
– रावण तैयार करने वाले कारीगर ने दहन से पहले डोरी चलाकर पलकों को जांचा। रावण की झूलती टांगों को क्रेन पर चढ़कर सही किया। तलवार और ढाल की डोरियों को भी चेक किया