
swami Vivekanand
अजमेर. अजमेर स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट के तहत कोटड़ा में 2.55 करोड़ खर्च कर तैयार किए जा रहे स्वामी विवेकानंद स्मारक के निर्माण कार्य में गुणवत्ता से समझौता किया जा रहा है। न तो स्मार्ट सिटी का कोई इंजीनयर साइट पर नजर आता है और ना ही पीएमसी का ही कोई प्रतिनिधि। स्मारक पर लगाए जा रहे पत्थर सही तरीके से नहीं जोड़े जा रहे। इनमें बड़ी-बड़ी दरारें छूटी हुई हैं। स्मारक पर लगाई गई फैंसी लाइटें अभी से ही उखडऩे लगी हैं। इन्हें जुगाड़ से खड़ा किया जाना नजर आ रहा है। स्मारक पर न तो हरियाली नजर आ रही है और न ही पेड़-पौधे। काम की गति भी धीमी है।
स्टील रेलिंग के ढीले नट-बोल्ट
स्मारक पर बनाए गए सेल्फी प्वाइंट (मचान) के लिए बनाई जा रही लोहे की सीढिय़ां भी मानक के अनुरूप नहीं। इसमें लगया जा रहा स्टील भी घटिया है। स्टेप की कम चौड़ाई होने से इन पर चढऩा-उतरना खतरनाक है। छोटे बच्चों व महिलाओं के फुटवियर इनमें अटकने से हादसे की संभावनी है। सीढ़ी का फाउंडेशन भी कमजोर है। इसके नट-बोल्ट ही ढीले होकर बाहर निकल रहे हैं। प्वाइंट पर लगाया गया मार्बल भी समतल नहीं है। यह अभी से उखड़ रहा है। पाथवे के पत्थरों में भी दरार है।
स्वामीजी की शिक्षा एंव दर्शन जानेंगे युवा
पहाड़ी पर स्थित इस स्मारक से ऐतिहासिक झीलें आनासाागर एवं फॉयसागर को देखा जा सकता है। युवा स्वामी विवेकानंद की शिक्षाओं एवं दर्शन की कल्पनाओं को यहां पर साकार करने की बात की जा रही है। युवा एवं स्कूली विद्यार्थी स्वामीजी की शिक्षाओं एवं उनके सिद्धांतों से रूबरू होंगे। नागपहाड़ की तलहटी के नीचे पार्क में आने वाले लोग ध्यान एवं योग कर सकेंगे। इसके साथ ही स्थानीय लोगों के साथ पयर्टक स्वामी जी की शिक्षाओं एवं दर्शन को समझ सकेंगे।
Published on:
16 Nov 2021 08:32 pm
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