आनासागर झील के किनारे बसी सागर विहार कॉलोनी में खाली जगह भरे गंदे पानी में जलकुंभी ने पैर पसार लिए है। यह दूर तक फैल गई है इसके कारण पानी और जमीन दोनों ही दिखाई नहीं दे रही है। यह खेत के समान दिखाई दे रही है। कॉलोनी से आने वाले गंदे पानी को एकत्र कर पंप के माध्यम से आनासागर झील में डाला जाता है। इसके कारण जलकुंभी भी झील में पहुंच रही है। डीवीडिंग मशीन से जलकुंभी की सफाई कराई जाती है, लेकिन नालों की अनदेखी कर दी जाती है। इसके कारण बार-बार जलकुंभी झील में पहुंच रही है। जलकुंभी को पानी मिलते ही वह चारगुणा गति से फैलती है। इससे जलीय जीवों को नुकसान पहुंचता है। सागर विहार कॉलोनी में फैली जलकुंभी और झील में गिरने वाले नालों की सफाई करवाई जानी चाहिए। इसके बाद ही झील में पहुंचने वाली जलकुंभी को रोका जा सकता है।
जनसंपर्क अधिकारी परीक्षा-2019 : 81 अभ्यर्थी साक्षात्कार के लिए सफल घोषित Smart city ajmer : प्रसिद्ध खाद्य व्यंजन मिलेंगे एक छत के नीचे किसी हो सकती है शरारत! ानासागर में तीन-चार साल पहले तक जलकुंभी का नाम तक नहीं था। एकाएक जलकुंभी ने आनासागर झील में पांव पसार लिए। नगर निगम ने स्मार्टसिटी प्रोजेक्ट में डिविडिंग मशीन खरीदी। झील में जलकुंभी दिखाई देने पर डिविडिंग मशीन को चलाया जाता है। सागर विहार के नाले में जलकुंभी की भरमार है। वहां पर जलकुंभी निकाली हुई भी दिखाई दे रही है। ऐसे में जलकुंभी को वहां से उठाकर झील में डालने की बात से भी इंकार नहीं किया जा सकता है। इसके बावजूद नगर निगम प्रशासन इस ओर ध्यान नहीं दे रहा है।
इनका कहना है…
आनासागर झील में फैली जलकुंभी को डीवीडिंग मशीन से हटवाया जाता है। सागर विहार कॉलोनी में खाली जगह में भरे नाले में फैली जलकुंभी को हटवाने के प्रयास किए जाएंगे। – गजेन्द्र सिंह रलावता, उपायुक्त नगर निगम