25 दिसंबर 2025,

गुरुवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

पावर हाउस की कमान महिला इंजीनियरों के हाथ

महिला सशक्तिकरण की ओर बढ़ते कदम... 132 केवी एमडीए जीएसएस का मामला... रा’य का तीसरा महिला इंजीनियर्स द्वारा संचालितजयपुर व अजमेर में एक-एक सम्पूर्ण महिला जीएसए बन चुके एक एईएन व तीन जईएन की होगी नियुक्,िसुरक्षाकर्मी भी होगी महिला132 केवी सुभाष नगर जीएसएस है सम्पूर्ण महिला जीएसएस

2 min read
Google source verification
पावर हाउस की कमान महिला इंजीनियरों के हाथ

rrvpn,rrvpn,rrvpn

अजमेर. महिलाएं women किसी भी मायने में पुरुषों से कम नहीं हैं, चाहे वह कोई भी क्षेत्र हो। पुरुषों के वर्चस्व वाले इलेक्ट्रिक इंजीनियरिंग क्षेत्र में भी महिला इंजीनियर इसे साबित कर रही हैं। विद्युत तंत्र का काम चुनौतीपूर्ण होता है, लेकिन इस पर राजस्थान रा’य विद्युत प्रसारण निगम (आरआरवीपीएन rrvpn) की महिला इंजीनियर पूरी तरह खरी उतर रही है। अब आरआरवीपीएन ने 132 केवी एमडीएस जीएसस power house की कमान पूरी तरह से महिलाओं को सौंप दी है। जल्द ही इसकी आधिकारिक घोषणा की जाएगी। इसमें 1 महिला एईएन व 3 जेईएन को लगाया गया है। इस जीएसएस से 33 केवी के 5 तथा 11 केवी के 2 आउटगोइंग निकलते हैं। यह जीएसएस अजमेर के मदार व पुष्कर 132 केवी जीएसएस से जुड़ा हुआ है। वर्तमान में जयपुर में आरआरवीपीएन का एक जीएसएस महिलाएं संचालित कर रही हैं। अजमेर में यह दूसरा एवं रा’य का तीसरा 132 केवी जीएसएस होगा, जिसे महिलाएं संचालित करेंगी।
सुभाष नगर की कमान पहले ही महिलाओं के हाथ

आरआरवीपीएन के 132 केवी सुभाष नगर जीएसएस की कमान पिछले साल ही महिला इंजीनियरों को सौंप दी गई थी। यहां एक महिला एईएन व तीन जेइएन नियुक्त हैं। सुरक्षा के लिए भी महिला कर्मचारी तैनात है। जीएसएस की बाह्य सुरक्षा पुरुष सुरक्षाकर्मी के जिम्मे है।
जिले में बढ़ रहा है महिला सशक्तिकरण का दायरा

कलक्ट्रेट में संचालित डाकघर को सिर्फ महिला कर्मचारी व अधिकारी ही चला रही हैं। यह सम्पूर्ण महिला डाकघर है। जल्द ही जिले में एक और महिला डाकघर खोला जाएगा। निजी बिजली कम्पनी का कॉल सेंटर भी महिलाएं चला रही है।
इनका कहना है

महिला जीएसएस बनाए जाने का प्रस्ताव भेजा था। इसे मंजूरी मिल गई। महिला सुरक्षाकर्मियों की नियुक्ति होते ही इसकी आधिकारिक घोषणा की जाएगी। महिलाएं किसी से कम नहीं हैं। इन्हे प्रोत्साहन देने की जरूरत है। जीएसएस पर एईएन की नियुक्ति कर दी गई है।
नरेन्द्र सुवालका, मुख्य अभिंयता, आरआरवीपीएन अजमेर जोन

read more: अतिक्रमण हटाने के बजाय एडीए पुलिस बेच रही है जूते