
Nano particle
अलीगढ़। पाकिस्तान के संस्थापक मोहम्मद अली जिन्ना की तस्वीर के विवाद के बीच अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय (एएमयू) में नैनो पार्टिकल्स पर बड़ा शोध होने जा रहा है। भारत सरकार ने इसके लिए चार करोड़ रुपये दिए हैं। इस शोध के बाद दवाइयां और सस्ती हो जाएंगी। इसके साथ ही एएमयू में नैनो टैक्नालोजी रिसर्च इंस्टीटयूट बन सकता है।
पांच वर्ष के लिए परियोजना
भारत सरकार के बायोटेक्नालोजी विभाग द्वारा अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय में सेंटर ऑफ एक्सीलेंस ऑन ट्रांसलेशनल रिसर्च ऑन बायोइंस्पायर्ड नैनोमटेरियल्स एण्ड ड्रग्स फ्रॉम इंडोफाइट्स की स्थापना के लिये चार करोड़ रूपये की ग्रांट मंजूर की गयी है। एएमयू का इंटरडिसीप्लीनरी नैनो टैक्नालोजी सेंटर उक्त केन्द्र के नोडल लैब के रूप में नैनो साइंस के क्षेत्र में सुविधाएं उपलब्ध कराएगा। यह परियोजना 5 वर्षों के लिये इंटरडिसीप्लीनरी नैनो टैक्नालोजी सेंटर के निदेशक प्रो. अबसार अहमद को प्रदान की गयी है। वे इस परियोजना के समन्वयक तथा प्रिन्सिपल इंवेस्टीगेटर हैं।
परियोजना से जुड़े हैं कई वैज्ञानिक
प्रो. अहमद ने बताया कि इस महत्वकांक्षी परियोजना पर विभिन्न महत्वपूर्ण शोध केन्द्रों से जुड़े प्रख्यात शोधकर्ताओं की सहायता एवं मार्गदर्शन में कार्य किया जायेगा। इन शोधार्थियों में संजय गांधी पोस्ट ग्रेजुएट इंस्टीटयूट ऑफ मेडिकल साइंसेज लखनऊ के न्यूक्लियर मेडिसन विभाग के अध्यक्ष प्रो. संजय गंभीर, सीएसआई नेशनल केमिकल लेबोरेट्री पुणे के प्रिन्सिपल साइंटिस्ट डॉ. धानसिकरन शानमुगम तथा इसी संस्था से सीनियर साइंटिस्ट डॉ. महेश कुलकर्णी शामिल हैं।
ये अध्ययन होगा
प्रो. अहमद ने बताया कि इस परियोजना के अन्तर्गत नैनो पार्टीकिल्स के मास प्रोडक्शन, पौधों में नैनो तत्वों का अध्ययन, नैनो औषधियों की तैयारी, कोशिकाओं तथा कोष्ठकों में नैनो पार्टीकिल्स का विश्लेषण समेत अन्य सम्बन्धित विषयों का अध्ययन किया जाएगा। उन्होंने कहा कि कुलपति प्रो. तारिक मंसूर के सहयोग एवं सरपरस्ती तथा इंटरडिसीप्लीनरी नैनो टैक्नालोजी सेंटर के शिक्षकों एवं छात्रों की मेहनत से यह केन्द्र जल्दी ही देश के विशिष्ट नैनो टैक्नालोजी रिसर्च इंस्टीट्यूट का रूप धारण कर लेगा।
अबसार अहमद को मिले हैं की अवॉर्ड
ज्ञात हो कि प्रो. अबसार अहमद ने बायो नैनो साइंस एवं टेक्नालोजी में विशिष्ट सेवाएं दी हैं। उन्हें टाटा इनोवेशन फेलोशिप, वास्विक अवार्ड तथा एनसीएल रिसर्च फाउन्डेशन साइंटिस्ट एवार्ड समेत कई महत्वपूर्ण पुरस्कारों से सम्मानित किया जा चुका है। उनके 110 से अधिक शोधपत्र विभिन्न रष्ट्रीय एवं अन्तरराष्ट्रीय जर्नल में प्रकाशित हो चुके हैं।
Published on:
12 May 2018 06:45 pm
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