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जिन्ना विवाद पर एएमयू का स्पष्टीकरण, जानिए क्या कहा

विश्वविद्यालय का कहना है कि छात्रों का प्रदर्शन किसी भी रूप से मोहम्मद अली जिन्ना की तस्वीर से सम्बन्धित नहीं है।

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अलीगढ़। अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी ने स्पष्ट किया है कि विश्वविद्यालय छात्रों द्वारा किया जाने वाला शांतिपूर्ण प्रदर्शन कुछ हिन्दुत्ववादियों द्वारा विश्वविद्यालय परिसर में जबरदस्ती प्रवेश करने तथा हिंसा की न्यायिक जांच को लेकर है। 2 मई 2018 को हिंसा हुई थी। विश्वविद्यालय स्पष्ट किया है कि छात्रों का प्रदर्शन किसी भी रूप से मोहम्मद अली जिन्ना की तस्वीर से सम्बन्धित नहीं है।

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धरना दे रहे छात्रों से मिले कुलपति
अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी के कुलपति प्रो. तारिक मंसूर ने अपनी पत्नी डॉ. हमीदा तारिक सहित जेएन मेडिकल कॉलेज में गत दिवस हिंसक कार्यवाही में घायल छात्रों से मुलाकात की। उनके स्वास्थ्य के बारे चिकित्सकों से मंत्रणा की। ज्ञात हो कि यह छात्र गत दिनों उस समय पुलिस द्वारा किये गये लाठी चार्ज में घायल हो गये थे, जब वह विश्वविद्यालय परिसर में जबरदस्ती घुस आने वाले व्यक्तियों तथा उनके द्वारा परिसर की शांति व्यवस्था को भंग करने के लिए सिविल लाइन थाने में एफआईआर दर्ज कराने जा रहे थे। कुलपति ने बाब-ए-सैयद गेट पर जाकर अपनी मांगों के लिये प्रदर्शन कर रहे छात्रों से भी भेंट की।

एक्शन कमेटी बनाई
इस बीच अमुवि के सैयद हामिद सीनियर सेकेण्ड्री स्कूल ब्वायज तथा सीनियर सेकेण्ड्री स्कूल गल्र्स के अध्यापकों ने अमुवि परिसर में बाहर से आने वाले तत्वों की गुण्डागर्दी तथा उसके विरुद्ध एफआईआर दर्ज कराने जा रहे छात्रों पर लाठी चार्ज किये जाने की घोर निंदा की है। इस संदर्भ में अध्यापकों की एक सात सदस्यीय एक्शन कमेटी बनायी गयी है, जिसके संयोजक अहमद अय्यूब शबाब हैं। कमेटी में बच्चन अली खान, अशहद जमाल नदवी, मुजफ्फर हुसैन, डॉ. सैयद फैज जैदी, श्री अहमद हुसैन तथा डॉ. मोहम्मद सोहराब खान शामिल हैं। अध्यापकों ने एक्शन कमेटी को संस्था की सुरक्षा के लिए अमुवि टीचर्स एसोसिएशन, छात्रसंघ तथा अन्य संस्थाओं के साथ संपर्क स्थापित करने का पात्र करार दिया है।