
अलीगढ़। इगलास विधानसभा सीट (सुरक्षित) पर उपचुनाव होना है। यह सीट राजवीर सिंह दिलेर के लोकसभा चुनाव जीतने के बाद खाली हुई है। भाजपा ने इस बार यहां से राजकुमार सहयोगी पर दांव लगाया है। सामान्य कार्यकर्ता की छवि रखने वाले राजकुमार सहयोगी को टिकट देकर भाजपा ने पार्टी के अंदर के ‘छत्रपों’ को पहले ही करो या मरो का संदेश दे दिया वहीं अब जातीय समीकरण को साधते हुए विपक्ष को ऐसी व्यूह रचना में फंसाया है जिससे निकल पाना अब सपा, बसपा, रालोद और कांग्रेस के लिए दूर की कौड़ी नजर आ रहा है।
ये है जातीय समीकरण
साल 2017 के आंकड़ों के अनुसार इस विधानसभा क्षेत्र में कुल मतदाताओं की संख्या 375813 है। जिसमें पुरुष मतदाताओं की संख्या 172269 है वहीं 137412 महिला मतादाता हैं। वहीं जातिगत आंकड़ों पर गौर करें तो इस विधानसभा में सीट पर ब्राह्मण और जाट बिरादरी के निर्णायक भूमिका में वोट हैं। जाटों के 90000 से अधिक वोट हैं वहीं दूसरे नंबर पर ब्राह्मण बिरादरी के 80000 से अधिक वोट हैं। 30000 वोटों के साथ तीसरे नंबर पर आते हैं बघेल। वहीं 10000 के करीब ठाकुर हैं। 3000 वोट के करीब लोधी वोट हैं। जाटवों 25-30000 वोट हैं। दिवाकर समाज के 10000 वोट हैं। 10000 वाल्मीकि हैं वहीं 20000 वोट वैश्य बिरादरी के हैं।
विपक्ष ‘आउट’!
राष्ट्रीय लोकदल और समाजवादी पार्टी ने संयुक्त रूप से हैंडपंप चुनाव चिन्ह पर लड़ने का मन बनाया था लेकिन रालोद प्रत्याशी प्रत्याशी सुमन दिवाकर का पर्चा ही खारिज हो गया। रालोद-कांग्रेस गठबंधन लड़ाई से पहले ही आउट होने के चलते भाजपा को स्वत: ही बड़ी राहत मिल गई क्योंकि माना जा रहा था कि रालोद और सपा के संयुक्त प्रत्याशी को अगर, मुस्लिम और दिवाकर वोट चले गए तो भाजपा के लिए चुनौती कड़ी हो सकती थी। वहीं अब भाजपा के सामने केवल बसपा और कांग्रेस है। कांग्रेस यहां लड़ाईल की स्थिति में है वहीं इस क्षेत्र में बसपा को मजबूत करने वाले उपाध्याय बंधु को तेड़कर भाजपा ने हाथी की चाल डगमगा दी है। पूर्व ऊर्जामंत्री रामवीर उपाध्याय बाहर से तो उनके छोटे भाई औऱ इस सीट से 2007 में बसपा की टिकट पर चुनाव लड़ चुके मुकुल उपाध्याय कमल दल में शामिल होकर खुलकर भाजपा के लिए प्रचार कर रहे हैं।
ऐसे की व्यूह रचना
भाजपा के ब्रज, कानपुर-बुंदेलखंड क्षेत्र संगठनमंत्री भवानी सिंह खुद इस विधानसभा क्षेत्र में लगातार प्रवास कर रहे हैं। भवानी सिंह ने एक बार फिर अपनी संगठनात्मक और रणनीतिक क्षमता से विपक्ष को चुनाव से पहले ही व्यूह में फंसा लिया है। रालोद-सपा प्रत्याशी का पर्चा खारिज होने के बाद विपक्ष जहां आपस में ही गलती का ठीकरा फोड़ने में व्यस्त है वहीं भवानी सिंह ने जातीय समीकरण को ध्यान में रखते हुए प्रचार के लिए मंत्री-विधायकों, भाजपा नेताओं को लगा रखा है। जाट वोटबैंक को देखते हुए हाल ही में हुए मंत्रिमंडल विस्तार में जगह पाए फतेहपुर सीकरी से विधायक चौधरी उदयभान की ड्यूटी लगाई गई है वहीं ब्राह्णों को साधने और बसपा की जड़ें हिलाने के लिए ‘उपाध्याय बंधुओं’ को भी काम पर लगाया गया है। इसी विधानसभा सीट से 2007 के चुनाव में बसपा की टिकट पर 46822 वोट पाकर दूसरे नंबर पर रहे पूर्व एमएलसी मुकुल उपाध्याय भी इगलास में लगातार डेरा डाले हुए हैं। इसके बाद तीसरे नंबर पर आने वाले बघेल समाज के वोटों की जिम्मेदारी आगरा सांसद एसपी सिंह बघेल को दी गई है। एसपी सिंह बघेल भी यहां प्रचार कर रहे हैं। एसपी सिंह की बघेल समाज पर पकड़ को देखते हुए भाजपा ने प्रदेश की अन्य सीटों के अलावा, हरियाणा और महाराष्ट्र में भी जिम्मेदारी दी है।
इसके साथ ही इगलास में संगठनमंत्री भवानी सिंह स्वयं भी लगातार प्रवास कर रहे हैं और टोली बैठकें कर कार्यकर्ताओं की नब्ज टटोल रहे हैं वहीं विपक्ष में अगुआई करने वाला कोई नजर नहीं आ रहा है।
Published on:
18 Oct 2019 12:22 pm
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