
अलीगढ़। मदरसे में ओम का उच्चारण व गायत्री मंत्र का पाठ कराया जा रहा है। यह मदरसा पूर्व उपराष्ट्रपति हामिद अंसारी की पत्नी सलमा अंसरी द्वारा चलाया जा रहा है। थाना सिविल लाइन के भमोला स्थित मदरसे का नाम मदरसा चाचा नेहरु है। जो अल नूर चैरिटेबल ट्रस्ट के तहत चलाया जा रहा है। अलीगढ़ में यहां मदरसे की सूरत बदलती हुई दिख रही है। जहां कुरान की धार्मिक शिक्षा के साथ ही ओम का उच्चारण और गायत्री मंत्र का पाठ भी कराया जाता है। छात्रों का कहना है कि इससे सुकून मिलता है और दिमाग को शांति मिलती है जिससे छात्रों का पढ़ाई में ध्यान लगता है। इस प्रक्रिया से छात्रों की शारिरीक, मानसिक, सामाजिक रूप से मजबूती है।
पूर्व उपराष्ट्रपति की पत्नी सलमा अंसारी का है मदरसा
मदरसे को आधुनिक बनाने के साथ ही धार्मिक शिक्षा से जोड़ने का काम किया जा रहा है। अलीगढ़ के मदरसे में छात्रो को ॐ के साथ गायत्री मंत्र का पाठ कराया जा रहा है। सभी धर्मों के बच्चे यहां शिक्षा ग्रहण करने आते हैं। पूर्व उपराष्ट्रपति हामिद अंसारी की पत्नी सलमा अंसारी के द्वारा अलनूर चैरिटेबल ट्रस्ट के अधीन चलने वाले चाचा नेहरू मदरसे में हिन्दू व मुस्लिम छात्र छात्राओं को ॐ और गायत्री मंत्र का उच्चारण सिखाया जा रहा है। इसके लिए अलग से क्लास भी बच्चों को दी जा रही है। कुछ दिन पहले सलमा अंसारी ने कहा था कि ॐ और अल्लाह शब्द से शक्ति और भरपूर ऑक्सीजन मिलती है और वो अपने मदरसे में इनका उच्चारण योग की क्लास में शुरू कराएंगी। सलमा अंसारी के कहने के बाद अब इस मदरसे में सभी समुदाय के बच्चे ॐ, गायत्री मंत्र और अल्लाह का उच्चारण कर रहे हैं। इसके अलावा स्कूल में पढ़ने आने वाले बच्चे प्रार्थना के समय गायत्री मन्त्र का भी जाप करते हैं। वहां पढ़ने वाले मुस्लिम बच्चों का भी ये कहना है कि ॐ शब्द के उच्चारण से हमको शान्ति मिलती है।
क्या कहना है छात्र-छात्राओं का
ओम के उच्चारण से शांति मिलती है, ये कहना है मदरसे में पढ़ने वाले छात्र छात्राओं का । मदरसों के बारे में लोगों की धारणा अब शायद बदल सकती है। छात्राओं का कहना है कि इससे इत्मिनान मिलता है, मुश्किलें आसान होती हैं, गम भूल जाते हैं और रिलेक्स मिलता है। सभी धर्मों के लोग यहां मिल कर पढ़ते हैं। छात्रा इल्मा ने बताया कि ओम के उच्चारण से दिमाग शार्प होता है, मन को शांति मिलती है। हिन्दू मुस्लिम, सिख ईसाई मिल कर मदरसे में ओम का उच्चारण करते हैं। वहीं प्रार्थना के समय गायत्री मंत्र का पाठ भी बच्चे खुले मन से करते हैं। मासूम छोटे छात्रों को गायत्री मंत्र कंठस्थ हो गया है। स्पोर्ट्स के टीचर भी छात्रों को ओम का ध्यान कराते हैं, ओम के उच्चारण से माइंड को एकाग्रचित करने में आसानी होती है। जिससे छात्र छात्राएं पढ़ाई स व खेलकूद में अच्छा करते हैं।
भाईचारा कायम करना है मकसद
इस मदरसे की कवायद से शायद अब लोगों की धारणा बदलें। इसका मकसद लोगों में भाईचारा कायम करना है। छात्र छात्राओं को सभी धर्मों के बारे में शिक्षित करना है। छात्र मजहब को समझें, क्योंकि सभी धर्मों का पैगाम भाई चारे का संदेश देना है। बहरहाल मदरसे से भी छात्र अच्छे नागरिक बन कर निकलें यही संदेश देना हैं।

Updated on:
23 Jan 2018 09:35 am
Published on:
23 Jan 2018 09:32 am
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