
VIDEO अलीगढ़ एनकाउंटर पर मृतकों के परिजनों ने उठाये सवाल, पुलिस पर लगे गंभीर आरोप
अलीगढ़। हरदुआगंज की माछुआ नहर के पास गुरुवार को पुलिस मुठभेड़ में मारे गए दो युवाओं को लेकर बखेड़ा खड़ा हो गया है। कांग्रेस, बसपा और रालोद नेताओं ने मृतकों के परिजनों के साथ पत्रकार वार्ता कर पुलिस मुठभेड़ की कहानी पर सवाल खड़े कर दिए हैं। यह पत्रकार वार्ता पूर्व विधायक हाजी जमीरउल्लाह के हाथीडूबा आवास पर हुई। जिसमें कांग्रेस के जिलाध्यक्ष एवं पूर्व सांसद चौ विजेंद्र सिंह और रालोद के युवा प्रदेश उपाध्यक्ष जियाउररहमान सहित अन्य नेता मौजूद रहे।
मतकों के परिजनों के आरोप
मृतकों की मां शाहीन और दादी रफीकन ने बताया कि उनके बेटे का नाम नौशाद और दामाद का नाम मुस्तकीम है। अतरौली के भैंसपाड़ा से पांच दिन पहले पुलिस दोनों को अतरौली कोतवाली ले गई थी। दो दिन बाद पुलिस ने ये कहा कि वो दोनों थाने से भाग गए हैं। उसके बाद उनको सीधे गुरुवार को जानकारी मिली कि पुलिस मुठभेड़ में दोनों गंभीर रूप से घायल हो गए हैं। कुछ देर बाद पता चला कि दोनों की मौत हो गई है। दोनों छर्रा में कई दिनों से एक कपड़े की दुकान में काम करते थे अब कुछ दिनों से अतरौली में रह रहे थे। दोनों के खिलाफ कोई मुकदमा दर्ज नहीं है। आज तक जेल नहीं गए। ऐसे में उनको बदमाश बता कर मार दिया गया है। यही नहीं रात में पुलिस ने घरवालों से बिना पूछे ही उनको सुपुर्द ए खाक भी कर दिया। यह पुलिस की तानाशाही है। गरीब आदमी को घर से उठाओ और बदमाश बता कर मुठभेड़ में मार दो।
सपा, कांग्रेस ने उठाए सावल
पूर्व विधायक जमीरउल्लाह ने बताया कि परिजनों की पूरी बात सही है। जिसकी तस्दीक उन्होंने खुद अपने स्तर से की है। कांग्रेस जिलाध्यक्ष विजेंद्र सिंह ने भी पुलिस की मुठभेड़ की कहानी पर कई सवाल उठाए हैं। नेताओं ने कहा कि इस मामले में निश्चित रूप से जल्दबाजी में पुलिस ने निर्दोष लोगों को मार दिया है। इधर, एक मानसिक रोगी नफीस को अतरौली कोतवाली में बैठाए रखने पर भी सवाल खड़े हो रहे हैं। इसके खिलाफ आवाज उठाएंगे और परिवार को न्याय दिलाकर रहेंगे।
एसएसपी ने सिरे से नकारा परिवार और सियासी आरोप
एसएसपी अजय कुमार साहनी का कहना है कि मारे गए बदमाशों के परिजन या जो भी राजनीतिक दलों के लोग पुलिस पर फर्जी मुठभेड़ का आरोप लगा रहे हैं उनके इस आरोप का जवाब हम हर स्तर पर देने को तैयार हैं। जो भी कुछ किया गया है, वह जान पर खेलकर किया गया है। किसी की जान जानबूझकर नहीं ली गई, पब्लिक इस बात की गवाह है। हमारे एक एसओ को गोली लगी है और एक दरोगा बाल-बाल बच गया था। रहा सवाल इनके अपराधी होने का तो हमारे पास इनके और इनके पूरे गैंग के खिलाफ सबूत हैं। मजदूरी की आड़ में यह अपराध कर रहे थे। राजनीतिक दलों के लोग अब माहौल बिगाड़ने के लिए खड़े हो रहे हैं। यह लोग जब कहां गए थे, जब बदमाश ताबड़तोड़ हत्याएं कर जिले का माहौल बिगाड़ने का प्रयास कर रहे थे। जिस दंपति को मारकर उनके तीन-तीन बच्चों को अनाथ किया गया है, तब इन नेताओं ने बदमाशों के खिलाफ आवाज क्यों नहीं उठाई। आज पुलिस ने सीने पर गोली खाकर मजबूरन यह कदम उठाया तो यह लोग उत्साहवर्धन के बजाय माहौल बिगाड़ कर राजनीतिक बातें कर रहे हैं।
Updated on:
21 Sept 2018 06:00 pm
Published on:
21 Sept 2018 03:03 pm
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