
Akhada Parishad
पत्रिका न्यूज नेटवर्क.
प्रयागराज. योगी सरकार द्वारा धार्मिक स्थल रजिस्ट्रेशन रेगुलेशन अध्यादेश-2020 को लाने के फैसले का विरोध करने के बाद अब अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद (Akhil Bhartiya Akhada Parishad) ने यू-टर्न ले लिया है। प्रयागराज में हुई बैठक में परिषद ने अध्यादेश लाने के फैसलाे का स्वागत किया है व कहा है कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यानथ (Yogi Adityanath) के इस फैसले का वह सम्मान करेंगे। प्रयागराज के श्रीमठ बाघम्बरी गद्दी में हुई अहम बैठक के बाद अखाड़ा परिषद अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरी (Narendra Giri) ने कहा कि मुख्यमंत्री खुद एक संत हैं। अध्यादेश को लेकर वह जो भी फैसला लेंगे वो मान्य होगा। सीएम योगी के फैसले का सभी साधु संत सम्मान करेंगे। ये प्रस्ताव सभी तेरह अखाड़ों के प्रतिनिधियों ने पास कर किया।
इससे पूर्व अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद ने इस अध्यादेश का विरोध करते हुए कहा था कि राज्य के सभी मठ व मंदिर सुरक्षित हैं। उन्हें किसी प्रकार का खतरा नहीं हैं। महंत नरेंद्र गिरी का कहना था कि यदि धार्मिक स्थलों के लिए कोई अध्यादेश लाना व इसके लिए कोई निदेशालय गठन करना अनिवार्य है तो इससे पहले संतों की भी राय ली जानी चाहिए। उनका मानना है कि किसी भी तरीके से साधु-संतों को राज्य सरकार व अधिकारियों के अधीन लाना उचित नहीं होगा। प्रदेश में पहले से जो व्यवस्था चल रही है वह उचित है।
अध्यादेश लाने के पीछे यह है मकसद-
दरअसल यूपी सरकार (UP Government) चाहती है कि धार्मिक स्थलों पर हक जताने जैसे विवाद खत्म हों और इनका बेहतर संचालन हो सके। इसके लिए जो अध्यादेश लाया जाएगा, उसके अंतर्गत नियमावली बनाई जाएगी, जिसका पालन करना अनिवार्य होगा। इन संस्थानों के संचालन, सुरक्षा की पूर्ण व्यवस्था होगी। यही नहीं इन स्थलों पर आने वाले चढ़ावे व चंदा का सदुपयोग सुनिश्चित किया जाएगा। धार्मिक स्थलों को संचालन समिति के बारे में पूर्ण जानकारी भी उपलब्ध करानी होगी।
Published on:
02 Jan 2021 05:13 pm
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