26 दिसंबर 2025,

शुक्रवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

Allahabad High Court: आउटसोर्सिंग संविदा कर्मचारियों की सेवा शर्तों में एकरुपता की नीति पर मुख्य सचिव ने दाखिल किया हलफनामा ,फैसला सुरक्षित

इसको पत्रावली पर रखते हुए कोर्ट ने अपना फैसला सुरक्षित कर लिया है। इससे पहले कोर्ट ने राज्य सरकार द्वारा तैयार कर पेश की गई नीति को पर्याप्त नहीं माना था और कहा था कि कई विंदु छूट गए हैं।सभी को पहलुओं पर मुख्य सचिव को नीति निर्धारित कर व्यक्तिगत हलफनामा दाखिल करने का निर्देश दिया था। यह आदेश न्यायमूर्ति एस पी केसरवानी तथा न्यायमूर्ति विकास बुधवार की खंडपीठ नशने संयुक्त स्वास्थ्य आउटसोर्सिंग संविदा कर्मचारी संघ की याचिका पर दिया है।

less than 1 minute read
Google source verification
आउटसोर्सिंग संविदा कर्मचारियों की सेवा शर्तों में एकरुपता की नीति पर मुख्य सचिव ने दाखिल किया हलफनामा ,फैसला सुरक्षित

आउटसोर्सिंग संविदा कर्मचारियों की सेवा शर्तों में एकरुपता की नीति पर मुख्य सचिव ने दाखिल किया हलफनामा ,फैसला सुरक्षित

प्रयागराज: इलाहाबाद हाईकोर्ट ने सरकारी विभागों में सेवा प्रदाता एजेंसी के मार्फत आउटसोर्सिंग संविदा कर्मचारियों के वेतन , अवकाश, छुट्टी,काम की अवधि ,मानव शक्ति माडल सेवा शर्तों को लेकर मुख्य सचिव दुर्गा शंकर मिश्र ने हलफनामा दाखिल किया।
इसको पत्रावली पर रखते हुए कोर्ट ने अपना फैसला सुरक्षित कर लिया है। इससे पहले कोर्ट ने राज्य सरकार द्वारा तैयार कर पेश की गई नीति को पर्याप्त नहीं माना था और कहा था कि कई विंदु छूट गए हैं।

सभी को पहलुओं पर मुख्य सचिव को नीति निर्धारित कर व्यक्तिगत हलफनामा दाखिल करने का निर्देश दिया था। यह आदेश न्यायमूर्ति एस पी केसरवानी तथा न्यायमूर्ति विकास बुधवार की खंडपीठ नशने संयुक्त स्वास्थ्य आउटसोर्सिंग संविदा कर्मचारी संघ की याचिका पर दिया है।

याचिका में सेवा प्रदाता एजेंसियों द्वारा दी जा रही मानव शक्ति सेवा के श्रमिकों को मिलने वाले मानदेय में विभिन्न विभागों में भारी अंतर को समाप्त करने व काम की निश्चित अवधि व अवकाश आदि सुविधाएं मुहैया कराने की मांग की गई है। कोर्ट ने मुख्य सचिव से कहा था कि सेवा शर्तों में एकरूपता कायम करने वाली नीति तैयार करते समय सुप्रीम कोर्ट के गुजरात मजदूर सभा केस के दिशानिर्देशों को भी शामिल किया जाय। जिसको लेकर मुख्य सचिव ने व्यक्तिगत हलफनामा दाखिल किया है।

यह भी पढ़ें: इलाहाबाद हाईकोर्ट: पांच हजार रुपए हर्जाना जमा करने पर जवाब के लिए मिला पांच दिन का समय

जब कि कोर्ट ने अपने आदेश से साफ तौर पर कार्रवाई की वैधता पर जवाब मागा है। उप आयुक्त सी जी एस टी गाजियाबाद ने हलफनामा दाखिल किया और जिसका जवाब देना था ,उसी का नहीं दिया। कोर्ट की फटकार के बाद सरकारी अधिवक्ता ने जवाब देने के लिए समय मांगा जिस पर कोर्ट ने पांच हजार रुपए हर्जाना जमा करने की शर्त पर पांच दिन में हलफनामा दाखिल करने का निर्देश दिया है।