
लखनऊ. इलाहाबाद हाईकोर्ट ने अपर मुख्य सचिव गृह अवनीश कुमार अवस्थी द्वारा दाखिल व्यक्तिगत हलफनामे को भ्रमित करने वाला मानते हुए उन्हें व्यक्तिगत रूप से कोर्ट में तलब किया है। तो वहीं एक दूसरे मामले की सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने कहा कि साइबर अपराध दीमक की तरह देश को खोखला कर रहा है। इसके अलावा यूपी सरकार ने मुजफ्फरनगर दंगों से जुड़े 77 मुकदमे बिना कोई उचित कारण बताए वापस ले लिए हैं। इस संबंध में सुप्रीम कोर्ट में स्टेटस रिपोर्ट दाखिल की गई है।
कोर्ट ने पूछा, क्यों न लागाया जा हर्जाना ?
हाईकोर्ट ने अपर मुख्य सचिव गृह के अलावा जालौन के पुलिस अधीक्षक रवि कुमार और दारोगा केदार सिंह को भी हाजिर होने का निर्देश दिया है। साथ ही कोर्ट ने पूछा है कि क्यों न उनके खिलाफ प्रतिकूल आदेश पारित किया जाए और भारी हर्जाना लगाया जाए?
दीमक की तरह देश को खोखला कर रहा साइबर अपराध- हाईकोर्ट
वहीं एक दूसरे मामले की सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने कहा है कि साइबर ठग दीमक की तरह देश को खोखला कर रहे हैं। देश की आर्थिक स्थिति कमजोर कर रहे हैं। साइबर ठगी का पैसा न डूबे इसकी जवाबदेही तय होनी चाहिए। कोर्ट ने कहा कि बैंक और पुलिस की जिम्मेदारी तय की जानी चाहिए। याचिका की अगली सुनवाई 14 सितंबर को होगी। यह आदेश जस्टिस शेखर कुमार यादव ने नीरज मंडल उर्फ राकेश की अर्जी की सुनवाई करते हुए दिया है।
मुजफ्फरनगर दंगों को लेकर SC में स्टेटस रिपोर्ट दाखिल
वहीं, यूपी सरकार ने मुजफ्फरनगर दंगों से जुड़े 77 मुकदमे बिना कोई उचित कारण बताए वापस ले लिए हैं। इनमें से कई मामले सांसदों और विधायकों से जुड़े हैं। सुप्रीम कोर्ट को यह जानकारी दी गई है। कोर्ट को सौंपी रिपोर्ट में मांग की गई है कि राज्य सरकार को सभी मामलों के लिए उचित कारण बताते हुए दोबारा आदेश जारी करने को कहा जाए। साथ ही कहा गया है कि सभी आदेशों की इलाहाबाद हाईकोर्ट समीक्षा करे।
Published on:
25 Aug 2021 07:33 pm
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