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दस साल में सीबीआई इस हत्यारे की फोटो तक नहीं ढूंढ सकी, पास से निकल जाए तो पहचान भी नहीं पाएगी

हत्याकांड में उसके खिलाफ क्राइम ब्रांच और सीबीसीआईडी को ठोस सबूत मिले

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CBI is searching a criminal for ten years but have no photos

दस साल में सीबीआई इस हत्यारे की फोटो तक नहीं ढूंढ सकी, पास से निकल जाए तो पहचान भी नहीं पाएगी

प्रयागराज | सूबे के चर्चित विधायक हत्याकांड का एक शातिर अपराधी बीते दस सालों से पुलिस के लिए पहेली बन गया है। अभी तक पुलिस, एसटीएफ और क्राइम ब्रांच की पंहुच से दूर इस अपराधी की तलाश में सीबीआई भी लग गई है। बसपा विधायक राजूपाल के हत्याकांड मामले में तत्कालीन बाहुबली सांसद अतीक अहमद और उनके भाई अशरफ सहित नौ लोगों के खिलाफ धूमनगंज थाने में मुकदमा दर्ज कराया गया था। 25 जनवरी 2005 को राजूपाल की हत्या की गई थी जिसमें हत्याकांड की विवेचना के बाद अप्रैल 2015 में 11 अपराधियों के खिलाफ आरोप पत्र दाखिल किया गया था।

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दिसंबर 2008 में विवेचना सीआईडी की अपराध शाखा को सौंप दी गई साल भर बाद सीबीसीआईडी ने तीन पूरक आरोप पत्र दाखिल किए जिसमें मुस्तकिल, मुस्लिम ,गुल हसन, दिनेश पासी,, नसीब ,कालिया ,गुफरान और अब्दुल कवी को आरोपी बनाया गया। इन सभी आरोपियों में अब्दुल कभी आज तक पुलिस के लिए पहेली बना हुआ है बीते 10 सालों में अब तक इसके पास पुलिस क्राइम ब्रांच और एसटीएफ नहीं पहुंच पाई है । अब्दुल कभी को आज तक गिरफ्तार नहीं किया जा सका है ना ही उसने सरेंडर किया।

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पुलिस से मिली जानकारी के मुताबिक अब्दुल कवि पड़ोसी जिले सराय अकिल के भाखड़ा गांव का रहने वाला है। पिछले महीने सीबीआई द्वारा राजू पाल हत्याकांड में लखनऊ के स्पेशल कोर्ट में 10 आरोपितों के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की गई जिसमें अतीक और अशरफ सहित अब्दुल कभी का भी नाम शामिल है। अब सीबीआई भी अब्दुल कवि की खोज में लगी हुई है लेकिन अब तक अब्दुल कभी तक पुलिस नहीं पहुंच चुकी है और ना ही आज तक पुलिस वालों को अब्दुल कवि की कोई तस्वीर हाथ लगी है। पूर्व विधायक राजू पाल हत्याकांड में आरोपी बनाए गए अब्दुल कभी पिछले 10 सालों से फरार है। सीबीआई द्वारा दाखिल की गई चार्जशीट में भी उसका नाम होने से साफ है कि हत्याकांड में उसके खिलाफ क्राइम ब्रांच और सीबीसीआईडी को ठोस सबूत मिले है । लेकिन अब उसे पकड़ना पुलिस के लिए और भी बड़ी चुनौती बन गई है।